2019 के चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए जनता को लुभाने का अहम मौका माने जा रहे 2018-19 के आम बजट में नौकरीपेशा और करदाताओं को कोई राहत नहीं मिली है।
बजट में आयकर के स्लैब और टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उम्मीद की जा रही थी कि सरकार अपने आखिरी पूर्णकालिक बजट में मध्यवर्ग को टैक्स रियायतों का तोहफा दे सकती है, लेकिन वित्त मंत्री के बजट भाषण ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया। हालांकि, नौकरीपेशा लोगों और सीनियर सिटीजंस को इनकम टैक्स के मोर्च पर कुछ रियायतें जरूर दी गई हैं।
जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार का यह पहला बजट था। पिछले साल प्रत्यक्ष करों में 12.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी जबकि चालू वित्त वर्ष में 15 जनवरी तक प्रत्यक्ष करों के संग्रह में 18.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जा चुकी है। वर्ष 2016-17 के आखिर तक आयकर भरने वालों की तादाद बढ़कर 8.27 करोड़ तक पहुंच चुकी है जो दो साल पहले तक 6.47 करोड़ थी। जाहिर है कि नोटबंदी और कर चोरी पर अंकुश लगाने की कोशिशों के चलते करदाताओं की संख्या और कर संग्रह में इजाफा हो रहा है। लेकिन करदाताओं को इस ईमानदारी का कोई बड़ा फायदा आयकर दरों में कटौती के तौर पर नहीं मिल पाया।
नौकरीपेशा लोगों को रियायत देते हुए ट्रांसपोर्ट अलाउंस और अन्य मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति के बदले 40 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट दी गई है। अभी तक अन्य मेडिकल खर्चों के लिए सालाना 15 हजार रुपये और ट्रांसपोर्ट अलाउंस के तौर पर 800 रुपये महीना यानी 9600 रुपये सालाना कटौती का प्रावधान था। इन दोनों को मिलाकर सालाना 24600 रुपये की कटौती का लाभ लिया जा सकता था, जिसे बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दिया गया है। इसका फायदा पेंशनधारकों को भी मिलेगा। अस्पताल में भर्ती होने के संबंध में कर्मचारियों को मेडिकल बिल पर मिलने वाले प्रतिपूर्ति के लाभ मिलते रहेंगे। वित्त मंत्री के मुताबिक, इस फैसले को अमल में लाने के लिए सरकार को करीब 8 हजार करोड़ रुपये का भार वहन करना होगा।
वरिष्ठ नागरिकों को रियायतें
1. बैंक और डाकघर में जमा पर ब्याज आय में छूट को 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करना। यह छूट सभी फिक्सड डिपोजिट और रिकरिंग डिपोजिट स्कीम से प्राप्त होने वाले ब्याज पर भी लागू होगी।
2. सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम अथवा मेडिकल खर्च के लिए कटौती की सीमा को 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है। अब सभी वरिष्ठ नागरिक किसी भी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या सामान्य चिकित्सा खर्च पर सालाना 50 हजार रुपये तक की कटौती का लाभ ले सकेंगे।
3. कई गंभीर बीमारियों के मामले में चिकित्सा खर्च के लिए कटौती की सीमा को 60 हजार से बढ़ाकर 80 हजार रुपये किया गया है। अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में यह सीमा 1 लाख रुपये होगी।
4. वित्त मंत्री का दावा है कि इन रियायतों से वरिष्ठ नागरिकों को 4 हजार रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा।
5. इन रियायतों के अलावा एलआईसी की 8 फीसदी निश्चित रिटर्न देने वाली प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को मार्च, 2020 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिक अब अधिकतम 7.5 लाख रुपये के बजाय 15 लाख रुपये तक का निवेश कर सकेंगे।