पिछले कुछ दिनों से मीडिया और सोशल मीडिया में चर्चित केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह की मांग को आज केंद्र सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर जारी बहस के बीच अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सड़कों का नामकरण और फिर से नामकरण उसके एजेंडे में नहीं है। सरकार ने यह बात वी के सिंह के सड़क के नाम में बदलाव के लिए शहरी विकास मंत्री को पत्र लिखने के एक दिन बाद कही। शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने इस संबंध में आज कहा, नामकरण और दोबारा नामकरण शहरी विकास मंत्रालय का विषय नहीं है। यह सरकार के एजेंडा में नहीं है। सरकार का ध्यान सिर्फ विकास पर केंद्रित है। सिंह ने दिल्ली के लुटियंस जोन स्थित अकबर रोड का नाम मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप के नाम पर करने की वकालत करते हुए नायडू को पत्र लिखा था। इससे पहले मीडिया के हवाले खबर आई थी कि हरियाणा सरकार ने भी अकबर रोड का नाम मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप के नाम पर करने की मांग की है।
सिंह के बयान को महत्व नहीं देते हुए भाजपा ने भी आज कहा कि सबको अपनी राय जाहिर करने का अधिकार है लेकिन सरकार की प्राथमिकता देश की समस्याओं के समाधान और विकास पर ध्यान देने की है। भाजपा के सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, हमारी प्राथमिकता ग्रामोदय से भारत उदय की है, जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। सरकार अपनी प्राथमिकता के हिसाब से काम करती है लेकिन सबको अपनी राय रखने का अधिकार है। पिछले साल अगस्त में भाजपा नेताओं के प्रयासों से औरंगजेब रोड का नाम दिवंगत राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया था।