स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियों से जूझ रहे पशुपालन घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को तत्काल राहत नहीं मिल पाई है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में शुक्रवार को रांची हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद अब पांच फरवरी को सुनवाई होगी। लालू प्रसाद के पक्षकार उम्मीद पाले थे कि जमानत मिल जायेगी तो लालू जेल से बाहर होंगे।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई की तारीख निर्धारित थी। जिसमें लालू प्रसाद की ओर से पूरक एफिडेविट दायर की गई थी। उसकी सीबीआइ को कॉपी सौंपने और सीबीआइ के जवाब के लिए एक सप्ताह का समय दे दिया गया।
चार मामलों में लालू प्रसाद सजायाफ्ता हैं जिनमें तीन मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी के चौथे मामले में जमानत मिल जाने पर वे जेल से बाहर होंगे। पूर्व में सुनवाई के दौराल लालू प्रसाद की ओर से कहा गया कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में भी वे आधी सजा काट चुके हैं। निचली अदालत के रिकार्ड के हवाले लालू प्रसाद के वकील ने कहा था कि वे 42 माह की सजा काट चुके हैं। इस मामले में उन्हें सात साल की सजा हुई थी। लालू प्रसाद की बीमारियों के हवाले भी अदालत से जमानत का अनुरोध किया गया। जबकि सीबीआइ की ओर से दलील पेश की गई कि उन्होंने अभी दुमका कोषागार से अवैध निकसी मामले में आधी सजा पूरी नहीं की है। इसलिए उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए।
मालूम हो कि लालू प्रसाद विभिन्न तरह की बीमारियों से ग्रसित हैं और हाल में तबीयत बिगड़ने के बाद बेहतर इलाज के लिए उन्हें रांची के रिम्स से दिल्ली एम्स शिफ्ट किया गया है। उनकी तबीयत में वहां सुधार होने के बाद उन्हें एम्स के कार्डिएक सेंटर के आइसीयू से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया है।