भारतीय सेना ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी तरफ से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार किया गया है या किसी भी तरह की चेतावनी शॉट्स फायर किए गए। इस बात की पुष्टि सेना की तरफ से मंगलवार को की गई है। दरअसल, चीन ने आरोप लगाया था कि पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी तट के पास एलएसी को अवैध रूप से पार किया गया और चेतावनी शॉट्स फायरिंग किए गए। वहीं, सेना के अधिकारियों ने कहा है कि चीन पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में स्थिति को आगे बढ़ाने के लिए उकसाने वाली गतिविधियां कर रहा है।
भारतीय सेना की तरफ से कहा गया है कि किसी भी स्तर पर सेना ने एलएसी को पार नहीं किया है और न ही किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें फायरिंग भी शामिल है। पीएलए समझौतों का उल्लंघन कर रही है और आक्रामक रूख अख्तियार कर रही है, जबकि सैन्य, राजनयिक और राजनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।
इससे पहले चीन के सैन्य प्रवक्ता ने कहा था कि भारतीय सैनिकों ने सोमवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा को अवैध रूप से पार कर लिया और चीनी सीमा पर गश्त करने वाले सैनिकों को चेतावनी देने के लिए गोली चलाई। प्रवक्ता ने कहा कि चीनी सैनिकों ने "स्थिति को स्थिर करने के लिए जवाबी कार्रवाई" की।
बीते 15-16 जून को दोनों देश की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गया था। जिसमें भारत के बीस सैनिक शहीद हो गए थे। उसके बाद से दोनों देशों के बीच लगातार तनाव की स्तिथि बनी हुई है।