कोयला घोटाला मामले में एक विशेष अदालत में अपना बयान दर्ज कराते हुए गुप्ता ने कहा, यह कहना गलत होगा कि मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री से कोयला ब्लॉकों के आवंटन के संबंध में किसी तरह की दस्तावेजी सूचना छिपाई थी। गुप्ता ने विशेष जज भरत पराशर से कहा, यह सही है कि 36वीं स्क्रीनिंग समिति के मिनट्स प्रधानमंत्री को कोयला मंत्री के रूप में कोयला राज्यमंत्री की ओर से मेरे द्वारा 14 जुलाई, 2008 के आदेश के जरिये भेजे गए थे। गुप्ता से मध्य प्रदेश की कमल स्पॉन्ज स्टील एंड पावर लि. तथा अन्य से संबंधित कोयला ब्लॉक मामलों में बचाव पक्ष के गवाह के रूप में आज जिरह की गई।
एच सी गुप्ता ने कहा कि कोयला सचिव के रूप में वह कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक प्रमुख थे और उनकी जिम्मेदारियां पूर्ण तथा अविभाजित थीं। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि मंत्रालय में हर काम के लिए मंत्रालय के सचिव को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। गुप्ता ने आगे कहा कि केएसएसपीएल का आवेदन जो कोयला मंत्रालय को दिया गया था, पूर्ण नहीं था। अदालत इस समय इस मामले में बचाव पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज कर रही है। अदालत ने इससे पहले गुप्ता, कोयला मंत्रालय में तत्कालीन संयुक्त सचिव के एस क्रोफा, तत्कालीन निदेशक (कोयला आवंटन-खंड एक) के सी समारिया तथा केएसएसपीएल के दो अधिकारियों को जमानत दे दी थी।