सोमवार से लापता कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव बुधवार सुबह मेंगलूरू की नेत्रावती नदी के किनारे से मिला। यह घटना आत्महत्या की मानी जा रही है। कैफे कॉफी डे के मालिक की तरफ से उठाए गए इस कदम से हर कोई हैरान है कि आखिर इतना बड़ा व्यवसायी क्यों आत्महत्या के लिए मजबूर हो गया।
लेकिन आपको बता दें कि वीजी सिद्धार्थ से पहले भी कई चर्चित और दिग्गज व्यवसायी खुदकुशी कर चुके हैं।
मुकेश अग्रवाल
1991 में उद्योग जगत तब हैरान रह गया था जब मशहूर हॉटलाइन ग्रुप और निकिताशा ब्रांड के मालिक मुकेश अग्रवाल ने आत्महत्या की थी। मुकेश अग्रवाल की खुदकुशी इसलिए भी चर्चित रही है क्योंकि बॉलीवुड की 80 के दशक की पॉपुलर अभिनेत्री रेखा से हुई थी और शादी के 7 महीने बाद ही उन्होंने आत्महत्या कर ली।
उस समय खबरें छपी थीं कि जिस दुपट्टे से मुकेश ने फांसी लगाकर आत्महत्या की वो दुपट्टा रेखा का था। यहां तक कि रेखा और मुकेश के रिश्तों के बीच में दरार क्यों आई ऐसे निजी सवाल भी रेखा से सरेआम किए गए।
कार्ल स्लिम
जनवरी 2014 में टाटा मोटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर कार्ल स्लिम ने बैंकाक में खुदकुशी की थी। उन्होंने होटल की 22 वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। कार्ल स्लिम टाटा समूह की कंपनी टाटा मोटर्स के एमडी थे और वह कंपनी की थाईलैंड इकाई की एक मीटिंग के सिलसिले में बैंकाक गए थे। वहां वह फाइव स्टार होटल शंग्रीला में ठहरे हुए थे।
51 वर्षीय कार्ल टाटा मोटर्स को मंदी से बाहर निकालने का प्रयास कर रहे थे। कार्ल ने 2012 में कंपनी ज्वाइन की थी और उन्होंने मैनेजमेंट में काफी फेरबदल किए थे। उनकी मौत पर टाटा समूह के चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने शोक व्यक्त किया था और कहा था कि उन्होंने भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के बुरे दिनों में काफी अच्छा काम किया।
अजय चोरडिया
अक्टूबर 2014 में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के करीबी और पंचशील ग्रुप के चेयरमैन अजय चोरडिया ने आत्महत्या कर ली थी। 48 वर्षीय चोरडिया ने पुणे के नजदीक चिंचवड़ स्थित अपने डबल ट्री हिल्टन होटल में फांसी लगाकर खुदकुशी की थी।
उस दौरान पंचशील ग्रुप के आठ बड़े प्रोजेक्ट और 300 करोड़ के ठेके के अलावा छह आईटी पार्क, तीन कारपोरेट पार्क और कई पांच सितारा होटल थे।
साल 2011 में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता एकनाथ खडसे ने पंचशील ग्रुप में शरद पवार की पुत्री सांसद सुप्रिया सुले के शेयर होने का आरोप लगाया था। उसके बाद चोरडिया परिवार और पंचशील ग्रुप चर्चा में आया।
दिलीप सुधारक पेंडसे
जुलाई 2017 में टाटा फाइनेंस के पूर्व एमडी दिलीप सुधारक पेंडसे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। दिलीप 61 साल के थे। पुलिस के मुताबिक पेंडसे ने दादर पूर्व स्थित अपने घर पर फांसी लगा ली थी। 2001 में पेंडसे को भ्रष्टाचार के चलते टाटा फाइनेंस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज कराया गया था।
पेंडसे को दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2003 में 2 करोड़ के भ्रष्टाचार मामले में शामिल होने के चलते गिरफ्तार कर लिया था। अक्टूबर 2014 में पेंडसे को सेबी ने अवैध व्यापार का दोषी पाया और पूंजी बाजार के प्रयोग से 2 साल के लिए बैन कर दिया था।