सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरे कॉलोनी मामले में वह मुंबई के मेट्रो शेड प्रोजेक्ट पर कोई रोक नहीं लगा ररहा है। हालांकि कोर्ट ने मुंबई मेट्रो द्वारा लगाए गए पौधों और शिफ्ट किए गए पेड़ों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की बेंच ने बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) को निर्देश दिया है कि पौधरोपण, पेड़ शिफ्ट करने और काटे गए पेड़ों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट और इनकी तस्वीरें अदालत में पेश करे।
आंदोलन के बाद पेड़ काटने पर लगी थी रोक
मुंबई मेट्रो का शेड बनाने के लिए बांबे हाई कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद आरे कॉलोनी में 2185 पेड़ काटे गए थे। हाई कोर्ट ने शेड बनाने के लिए बीएमसी को दी गई अनुमति को हरी झंडी दी थी। आरे कॉलोनी मुंबई का वन क्षेत्र है जो शहर के पर्यावरण का अहम हिस्सा है। सैकड़ों पेड़ काटे जाने पर बड़ा आंदोलन शुरू हो गया। आंदोलन करने वालों में बड़ी संख्या में छात्र भी शामिल थे। पेड़ काटने का विरोध कर रहे लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से दखल देने का अनुरोध किया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने और पेड़ काटने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी।
अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी
आरे कॉलोनी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बीएमसी की ओर से पेश हुए सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच को आश्वासन दिया कि आरे कॉलोनी में और कोई पेड़ काटा नहीं जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के अनुसार पूरी तरह यथास्थिति बनाए रखी गई है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 नवंबर को करेगा।