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श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 1200 के बजाय अब बैठेंगे 1700 यात्री, तीन स्टॉपेज भी होंगे

ज्यादा से ज्यादा प्रवासियों को मूल स्थान पहुंचाने के लिए रेलवे ने सोमवार को मौजूदा 1,200 के बजाय अपनी...
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 1200 के बजाय अब बैठेंगे 1700 यात्री, तीन स्टॉपेज भी होंगे

ज्यादा से ज्यादा प्रवासियों को मूल स्थान पहुंचाने के लिए रेलवे ने सोमवार को मौजूदा 1,200 के बजाय अपनी 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनों में लगभग 1,700 यात्रियों को ले जाने का फैसला किया।

जारी एक आदेश के अनुसार, रेलवे जोन को राज्य सरकारों के अनुरोध पर अंतिम पड़ाव के अलावा गंतव्य राज्य में तीन  स्टॉपेज प्रदान करने के लिए कहा गया है।

ट्रेन की क्षमता स्लीपर बर्थ के बराबर हो

यह भी कहा कि ट्रेन की क्षमता ट्रेन में स्लीपर बर्थ की संख्या के बराबर होनी चाहिए।  'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनों में 24 कोच हैं। प्रत्येक कोच में 72 यात्रियों को ले जाने की क्षमता हैं। वर्तमान में सामाजिक सुरक्षा मानदंडों के कारण ये ट्रेन प्रत्येक कोच में 54 यात्रियों के साथ चल रही है।

प्रति दिन 300 ट्रेन चलाने की क्षमता

अब तक, भारतीय रेलवे ने 1 मई से 5 लाख से अधिक यात्रियों को उनके मूल राज्यों तक पहुंचाया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस कदम की व्याख्या करते हुए कहा,  "रेलवे में प्रति दिन 300 ट्रेनें चलाने की क्षमता है और हम इसे अधिकतम करना चाहते हैं। हम अगले कुछ दिनों में अधिक से अधिक प्रवासियों को घर ले जाना चाहते हैं और राज्यों से अनुमोदन भेजने की अपील की है।" 

केंद्र की राज्यों से अपील

इससे पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सभी राज्यों से अपील की थी कि प्रवासी श्रमिकों के लिए चलाई जाने वाली विशेष रेलगाड़ियों के संचालन की अनुमति दें ताकि फंसे लोग अगले तीन-चार दिनों में अपने घर पहुंच सकें। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस तरह की रेलगाड़ियां चलाने की अनुमति देने के लिए पत्र लिखने के बाद रेल मंत्री ने यह अपील की है। गोयल ने रविवार को ट्वीट किया, 'माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के निर्देशों के मुताबिक रेलवे बेहद कम समय के नोटिस पर प्रतिदिन 300 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां चलाने के लिए बीते 6 दिनों से तैयार है।' उन्होंने कहा, 'मैं सभी राज्यों से अपील करता हूं कि अपने फंसे श्रमिकों को निकालने और वापस लाने की अनुमति दें ताकि अगले तीन-चार दिनों में हम उन सभी को वापस घर पहुंचा सकें।'

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