इस कदम पर वित्त मंत्रालय कई विकल्पों के तहत विचार कर रहा है और इसकी घोषणा जल्द की जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि कुछ समय में ही इस संबंध में कई सुझाव आए हैं। लेकिन नोटबंदी के बाद जिस तरह बड़ी संख्या में नकदी पकड़ी जा रही है उसे देखते हुए इसे रखने की सीमा तय करने की जरूरत महसूस की जा रही है। इसके लिए आयकर कानून 1961 में संशोधन किए जा सकते हैं।
यह कदम इसलिए भी जरूरी है क्योंकि तीन साल में आयकर विभाग की छापेमारी में 1500 करोड़ से अधिक नकदी जब्त हुई है। आठ नवंबर को नोटबंदी के एलान के बाद 15 दिसंबर तक 316 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं। इसमें 80 करोड़ नई करेंसी में है। इससे पता चलता है कि लोगों ने पुरानी करेंसी पर प्रतिबंध लगने के बाद नए नोट जमा करना शुरू कर दिया है। इसलिए जरूरी है कि नकदी रखने की एक सीमा तय की जाए।