देश के सबसे कद्दावर ब्यूरोक्रेट और प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा ने पदमुक्त होने की इच्छा जताई है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने उन्हें दो सप्ताह तक पद पर बने रहने का आग्रह किया है। उधर, प्रधानमंत्री ने पूर्व कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा को पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी नियुक्त किया है।
नृपेंद्र मिश्रा 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही उनके साथ पीएमओ में थे। 2019 में दोबारा चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी ने मिश्रा को फिर से प्रमुख सचिव बनाया था। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की तरह उन्हें भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था।
मिश्रा के अनुरोध के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “2014 में जब मैंने प्रधानमंत्री के रूप में दायित्व संभाला, तब मेरे लिए दिल्ली भी नई थी और नृपेंद्र मिश्रा जी भी नए थे। लेकिन दिल्ली की शासन-व्यवस्था से वे भली-भांति परिचित थे। उस परिस्थिति में उन्होंने प्रिंसिपल सेक्रेटरी के रूप में अपनी बहुमूल्य सेवाएं दीं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019 के चुनाव नतीजे आने के बाद नृपेंद्र मिश्रा जी ने खुद को प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद से सेवामुक्त किए जाने का अनुरोध किया था। तब मैंने उनसे वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने का आग्रह किया था।
प्रधानमंत्री ने एक और ट्वीट किया, “नृपेंद्र मिश्रा जी के सेवामुक्त होने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। वे अपनी इच्छा के अनुरूप सितंबर के दूसरे हफ्ते से कार्यमुक्त हो जाएंगे। आगे के लिए उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं।”
After serving the PMO assiduously and diligently for over five years and making an indelible contribution to India’s growth trajectory, Shri Nripendra Misra Ji will be embarking on a new phase of his life. My best wishes to him for his future endeavours.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2019
नृपेंद्र मिश्रा 1967 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी मिश्रा कभी मुलायम सिंह यादव और कल्याण सिंह सरकार में प्रमुख सचिव रह चुके हैं। रिटायर होने के बाद वह 2006 से 2009 तक टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के भी चेयरमैन थे। ट्राई के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट के बाद वे पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन (पीआईएफ) से जुड़े थे। फिर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में उनके प्रिंसिपल सेक्रेटरी बने।