भारत के विदेश सचिव रवीश कुमार ने दिल्ली हिंसा पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के बयान को तथ्यहीन और गुमराह करने वाला कहा है। कुमार ने कहा कि दिल्ली हिंसा पर ओआईसी का बयान, “गलत और भ्रामक” है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से आग्रह किया कि इस “संवेदनशील समय” में वे गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करने से परहेज करें। कुमार ने कहा कि ऐसे बयानों से समस्या हल नहीं होंगी बल्कि बढ़ेंगी।
तथ्यों से परे बयान
विदेश सचिव के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह वक्तव्य गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी किया। रवीश कुमार ने कहा कि देश की राजधानी में हिंसा जांच का विषय है। ऐसा क्यों हुआ इस पर अभी जांच जारी है। जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। पुलिस और अन्य एजेंसियां सामान्य स्थिति बहाल करने में जुटी हुई हैं। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद लोगों से शांति और भाईचारा कायम करने की अपील कर रहे हैं। कई अन्य लोग भी हैं जो लोगों तरह-तरह के बयान दे रहे हैं। मैं उनसे भी अपील करूंगा कि इस वक्त ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयान देने से बचें। ओआईसी को आड़े हाथों लेते हुए कुमार ने कहा, “संगठन का तथ्यों से परे, सेलेक्टिव और गुमराह करने वाला है।”
ओआईसी ने कहा, मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित हो
एक बयान में, ओआईसी ने कहा था, “भारत में मुसलमानों के खिलाफ हालिया और खतरनाक हिंसा के परिणामस्वरूप निर्दोष लोगों की मौत हुई और वे घायल हुए। साथ ही मस्जिदों और मुस्लिम-स्वामित्व वाली संपत्तियों को आग लगाकर तोड़फोड़ की गई।”
संगठन ने भारतीय अधिकारियों से कहा है कि वे “मुस्लिम विरोधी हिंसा के इन कृत्यों की निंदा कर उनके लिए न्याय की मांग करते हैं। साथ ही चाहते हैं कि सभी मुस्लिम नागरिकों की सुरक्षा और पूरे देश में इस्लामिक पवित्र स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही दोषियों को दंडित किया जाए।”