जम्मू-कश्मीर में जारी हलचल के बीच रविवार रात बारह बजे श्रीनगर में तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया। सुरक्षा के मद्देनजर राज्य में रात 12 बजे धारा-144 लागू कर दी गई। प्रशासन ने कहा कि राज्य में रैलियों पर भी रोक लगा दी गई है। साथ ही मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। सोमवार से राज्य में सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद रहेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे लगता है कि आज आधी रात से मुझे घर में नजरबंद किया जा रहा है। मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है। इसकी सच्चाई जानने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन यदि यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा। हमें नहीं मालूम कि कश्मीर के लोगों के लिए क्या किया जा रहा है। लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लाह ने जो भी सोचा है वह हमेशा बेहतर होगा। हमें शायद यह नजर नहीं आए, लेकिन हमें कभी उनके तरीकों पर शक नहीं करना चाहिए। सभी को शुभकामनाएं। सुरक्षित रहें और सबसे जरूरी शांति बनाए रखें।’’
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, 'कैसी विडंबना है कि हमारे जैसे शांति के लिए लड़ने वाले जनप्रतिनिधियों को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। दुनिया देख रही है कि जम्मू-कश्मीर में कैसे लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है।' मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘घाटी में इंटरनेट बंद किया जा रहा है, ये रात लंबी होने वाली है। मोबाइल कवरेज समेत इंटरनेट सेवाएं बंद होने की खबरें सुनाई पड़ रही हैं। कर्फ्यू पास भी जारी किए जा रहे हैं। ऊपरवाला ही जानता है कि कश्मीर में कल क्या होगा। मुझे लगता है कि यह एक लंबी रात होने जा रही है।’’
उधर, कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और सीपीएम नेता एमवाई तारिगामी ने भी दावा किया कि उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, गिरफ्तारियों के संबंध में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
कई जगह लगाया गया कर्फ्यू
अधिकारियों के मुताबिक, किश्तवाड़, राजौरी और रामबन जिले के बनिहाल क्षेत्र में रात में कर्फ्यू लगाया गया। सरकार ने एहतियातन रविवार आधी रात से श्रीनगर समेत कई जिलों में धारा 144 लागू है। आदेश के मुताबिक, किसी भी तरह की जनसभा या रैली करने पर पूर्ण प्रतिबंध है। जम्मू, किश्तवाड़, रिसाई, डोडा और उधमपुर जिलों में स्कूल और कॉलेज सोमवार को भी बंद रहेंगे।
बनिहाल में लाउड स्पीकरों से रात के कर्फ्यू की घोषणा की गई। जम्मू विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है। कई शैक्षणिक संस्थानों ने भी अपने छात्रों को हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया है।
स्कूल और कॉलेज बंद
जम्मू की उपायुक्त सुषमा चौहान ने रविवार रात कहा, 'सभी निजी तथा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को ऐतहियातन बंद रखने की सलाह दी गई है।' अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है, जहां खतरे की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों की तैनाती कई गुणा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जम्मू क्षेत्र, विशेषकर सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में रैपिड ऐक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
जम्मू विश्वविद्यालय सोमवार को बंद रहेगा और सभी निर्धारित परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। कश्मीर घाटी के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों ने भी अपने छात्रों को हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया है।
इंटरनेट सेवा निलंबित
कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेटों को सैटेलाइट फोन दिए जा रहे हैं। श्रीनगर की सीमा पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में कुछ क्षेत्रों में दंगा नियंत्रण वाहनों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है।
केंद्रीय कैबिनेट की आज सुबह अचानक बैठक
आमतौर पर बुधवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की आज अचानक बैठक हो रही है। सुबह 9.30 बजे होने वाली इस बैठक को कश्मीर की हलचल से जोड़कर देखा जा रहा है।
वहीं इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को एनएसए अजीत डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, आईबी चीफ अरविंद कुमार और रॉ चीफ समंत गोयल के साथ बैठक की थी। इसके अलावा शाह ने गृह मंत्रालय में कश्मीर मामलों के अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार संग भी बैठक की थी। इन बैठकों के बाद कश्मीर को लेकर काफी अटकलें लगाई जाने लगी हैं।
आतंकी खतरे के मद्देनजर अमरनाथ यात्रियों को एडवाइजरी
दरअसल, अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे की खुफिया सूचना के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी। सरकार ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से कश्मीर घाटी में अपने ठहराव और यात्रा की अवधि कम करने का आदेश दिया था। अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी कश्मीर घाटी से लौटने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया था। सरकार की इस अडवाइजरी के बाद राज्य से श्रद्धालु और पर्यटक लौटने लगे थे। इस एडवाइजरी के बाद यहां हलचल और तेज हो गई है।