सार्स_कोव_2 का नया वेरियंट ओमिक्रोन की एंट्री भारत में भी हो गई है और अब तक 21 लोग इससे संक्रमित हो गए हैं। हालांकि, अभी भी ऐसे बहुत लोग हैं जिन्हें संदिग्ध माना जा रहा है क्योंकि उनके जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यह संस्करण जो अफ्रीका के बोत्सवाना से निकला है भारत के अलावा लगभग 40 देशों में फैल चुका है। सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ और एड्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ ईश्वर गिलाडा ने कहा, “जो लोग विदेश यात्रा करना चाहते हैं, उन्हें विभिन्न प्रतिबंधों के कारण इसे स्थगित करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, भारत में घरेलू यात्रियों को अपनी यात्रा रद्द करने की आवश्यकता नहीं है। मैं उन्हें सलाह देता हूं कि वे खुद को संक्रमित होने से बचाने के लिए हर समय सतर्क रहें।"
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ यात्रियों को वायरस से बचने के लिए पांच स्टेप का पालन करने की सलाह दे रहे हैं:-
जितनी जल्दी हो सके खुद को टीका लगवाएं: यदि आप अतीत में कोविड -19 से संक्रमित नहीं हुए हैं तो आपको किसी भी यात्रा की योजना बनाने से पहले खुद को टीका लगावा लेना चाहिए। उपलब्ध वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि पुन: संक्रमण की दर बेहद कम है, हालांकि, जो कोविड से अभी तक संक्रमित नहीं हुए हैं, उनमें संक्रमण फैलने और एक गंभीर बीमारी विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
डॉ गिलाडा के कहा, "यहां तक कि एक टीका लगाए गए व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है लेकिन टीकाकरण का लाभ यह है कि यह कोविड -19 के गंभीर मामले को विकसित नहीं होने देगा। इसलिए मैं हर व्यक्ति को वैक्सीन लेने की सलाह देता हूं।"
क्या मौजूदा टीके ओमिक्रोन के खिलाफ काम करेंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि टीकों से अभी भी गंभीर बीमारी से सुरक्षा प्रदान करने की उम्मीद है और इसलिए टीकाकरण महत्वपूर्ण है। यदि आप पात्र हैं और अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है तो आपको टीका लगवाना चाहिए।"
हर समय मास्क पहनें: सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एक अच्छे मास्क से नाक और मुँह को सही ढंग से ढंका जाए तो संक्रमण की संभावना 95 प्रतिशत तक कम हो जाती है। डॉ गिलाडा ने कहा, "लोग इसे ठीक से नहीं पहनते हैं और वे इसे हल्के में लेते हैं। वे इसे अक्सर ठुड्डी पर या माथे पर लगाते हैं जो किसी काम का नहीं होता। मैं सभी यात्रियों को हर समय मास्क रखने की सलाह देता हूं। यह एक मिथक है कि यह श्वसन संबंधी किसी भी समस्या का कारण बन सकता है। वास्तव में, एक अच्छा मास्क कोविड या इसके किसी भी वेरिएंट के अलावा अन्य संक्रामक रोगों और प्रदूषकों के खिलाफ भी एक सुरक्षा कवच प्रदान करता है।"
यदि संभव हो तो सामाजिक दूरी बनाए रखें: सार्वजनिक स्थानों पर अक्सर भीड़ होती है जिससे किसी के लिए भी दूसरों से सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। विमान और ट्रेनों में भी इस नियम का पालन करना संभव नहीं है।
फोर्टिस अस्पताल के हेमटोलॉजी विभागा के अध्यक्ष, डॉ राहुल भार्गव ने कहा, "जैसा कि हम जानते हैं कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या जोर से बोलने पर वायरस कुछ समय के लिए हवा में रहता है इसलिए एक सुरक्षित दूरी सुनिश्चित करती है कि संक्रमित व्यक्ति से निकलने वाली बूंदें (ड्रापलेटस) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक नहीं जाए।"
उन्होंने ने कहा, "इसलिए, यदि संभव हो तो भीड़ से दूर रहना चाहिए। यदि दूरी बनाए रखना संभव नहीं है, तो कृपया मास्क को ठीक से पहनें क्योंकि यह वायरस को आपकी नाक में प्रवेश करने से रोक सकता है।"
हाथ की स्वच्छता बनाए रखें, वातानुकूलित स्थानों से बचें: यह उपयुक्त कोविड व्यवहार का एक और बुनियादी मानदंड है, जो संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है।
जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता या किसी चीज छूता है, तो वह अपने आस-पास की वस्तुओं पर वायरस फैला देता है। अनावश्यक रूप से वस्तुओं को छूने से हाथ संक्रमित हो जाते हैं, इसलिए वायरस को मारने के लिए बार-बार हाथ को सेनेटाइज करना जरूरी है। अक्सर लोग संक्रमित हाथ से नाक या मुंह को छूते हैं और यह वायरस का शरीर में प्रवेश करने में मदद करता है।
वातानुकूलित क्षेत्र से भी लोगों को बचना चाहिए और ठहरने के लिए एक अच्छी तरह हवादार जगह का चयन करना चाहिए क्योंकि वातानुकूलित वातावरण में वायरस के फैलने की संभावना बहुत अधिक होती है।
डॉ भार्गव ने कहा, "अध्ययनों से पता चला है कि एक बार जब कोई व्यक्ति वातानुकूलित कमरे में प्रवेश करता है, तो वह अपनी सांस या खांसी से कमरे को संक्रमित करता है। वायरस कमरे में ही रह जाता है और जो भी इसके संपर्क में आता है वह संक्रमित हो जाता है। दूसरी ओर, एक अच्छी तरह हवादार कमरा हर समय ताजी हवा के संचलन के साथ कीटाणुरहित (डिसिन्फेक्टेड) हो जाता है।"
नियत राज्य के यात्रा मानदंडों की जाँच करें: भारत में ओमिक्रोन की उपस्थिति की रिपोर्ट के बाद, राज्य घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों यात्रियों के लिए कोविड -19 दिशानिर्देश लेकर आए हैं। कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों जैसे अंडमान और निकोबार, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ आदि ने उन घरेलू यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य कर दिया है, जिनके पास टीकाकरण की दोनों खुराक का प्रमाण पत्र नहीं है।
बिहार, ओडिशा, सिक्किम आदि राज्यों ने ऐसी कोई शर्त नहीं लगाई है। यहां तक कि क्वारनटीन के मानदंड भी अलग-अलग राज्यों में भिन्न होते हैं, इसलिए सभी यात्रियों को असुविधा से बचने के लिए गंतव्य स्थान के कोविड -19 दिशानिर्देशों को पहले से जानना उचित है।