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तीस्ता को घेरने की एक और कोशिश

गुजरात दंगों में पीडितों की आवाज उठाने वाली ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड को परेशान करने की प्रक्रिया जारी है। अब एक और मामले में तीस्ता को घेरने की कोशिश की जा रही है। गुजरात की भारतीय जनता पार्टी सरकार तीस्ता की धुर विरोधी रही है। तीस्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी कट्टर आलोचक रही हैं। यही वजह है कि उन्हें एक के बाद दूसरे मामले में फंसाया जा रहा है।
तीस्ता को घेरने की एक और कोशिश

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की ओर से संचालित एक एनजीओ द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत धन का कथित तौर पर गबन करने के मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।इस तीन सदस्यीय समिति की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के वकील अभिजीत भट्टाचार्य करेंगे। इसमें गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति एसए बारी तथा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी गया प्रसाद शामिल होंगे।

यह समिति सबरंग ट्रस्ट के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करेगा। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस एनजीओ की ओर से धन के दुरूपयोग के बारे में शिकायत मिली है।

तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद के खिलाफ गुलबर्ग सोसायटी के पीडि़तों के लिए मिले पैसे के कथित गबन को लेकर भी मामला चल रहा है।

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