जीएसटी कर प्रणाली के एक वर्ष पूरे होने पर आज कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बैनर तले देश भर में व्यापारियों ने "जीएसटी दिवस" के अनेक कार्यक्रम आयोजित किये। इसे लेकर देश भर के व्यापारियों में मिश्रित प्रतिक्रिया थी।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा की जीएसटी लागू होने के पहले 6 महीनों में व्यापारियों को अनेक परेशानियां झेलनी पड़ी- जिसमें खास तौर पर जीएसटी पोर्टल का सुचारू रुप से न चलना एवं लगातार जीएसटी नियमों में परिवर्तन होना रहा। किन्तु एक वर्ष बीतते-बीतते स्थिति में काफी सुधार हुआ है और व्यापारी जीएसटी को अपनाने में उत्साहित हैं। लेकिन अभी भी जीएसटी कर प्रणाली का सरलीकरण होना बहुत जरूरी है जिससे आम व्यापारी भी आसानी से जीएसटी का पालन कर सके।
दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की जीएसटी कर प्रणाली व्यापारियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई है क्योंकि इस प्रणाली में व्यापारियों को दिए हुए कर का इनपुट क्रेडिट मिल जाता है, जीएसटी से व्यापारियों को अनेक प्रकार के करों एवं अनेक सरकारी विभागों से मुक्ति मिली है। वहीं दूसरी ओर ई व्यवस्था होने के कारण से कर अधिकारीयों से सीधा संपर्क समाप्त हुआ जिसके चलते भ्रष्टाचार में कमी आयी है। इन खूबियों की वजह से जीएसटी एक विशिष्ट कर प्रणाली के रूप में विकसित हुई है।
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की आगामी वर्ष में सरकार को जीएसटी को और अधिक सरल बनाने की ओर ध्यान देना चाहिए। हर महीने रिटर्न भरने की अपेक्षा फॉर्म 3 बी पर तिमाही रिटर्न भरना, स्वतः रिफंड व्यापारियों के बैंक खाते में जमा होना, केवल एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने पर ई वे बिल लगाना, जीएसटी में कर की केवल दो दरें होना, कम्पोजीशन स्कीम में अंतरराज्यीय व्यापार को अनुमति देना, एचएसएन कोड केवल निर्माताओं पर लागू करना आदि कुछ कदम ऐसे हैं जिनसे जीएसटी का सरलीकरण होगा। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतों के पारदर्शी और निष्पक्ष निपटारे के लिए एक जीएसटी लोकपाल का भी गठन होना चाहिए। वहीँ दूसरी ओर 28 % कर दर में से ऑटो पार्ट्स, सीमेंट, मार्बल, पेंट आदि को निकालकर कम दर वाले स्लैब में डालना चाहिए।