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"इंदिरा सरकार PAK से युद्ध कर रही थी तो जेल आपको किसने भेजा", बांग्लादेश की लड़ाई में जेल जाने वाले मोदी के बयान पर विपक्ष का तंज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बांग्लादेश में दिया गया एक बयान इन दिनों कई नेताओं और विपक्षी दलों...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बांग्लादेश में दिया गया एक बयान इन दिनों कई नेताओं और विपक्षी दलों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल शुक्रवार को मोदी ने बांग्लादेश में बोलते हुए कहा कि उन्होंने बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था और इसके लिए वह जेल भी गए थे। तब उनकी उम्र 20-22 साल रही होगी। इस बयान पर कई लोगों ने आपत्ति जताई है।

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पीएम मोदी ने ढाका में आयोजित एक समारोह में कहा की बांग्लादेश की आजादी के लिए उस संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के पहले आंदोलनों में से एक था। उस वक्त में उम्र 20-22 साल रही होगी। जब मैंने और मेरे कई मित्रों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था। बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में तब मेरी गिरफ्तारी भी हुई थी और जेल भी गया था।

पीएम के इस बायन पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा "बांग्लादेश की आज़ादी में भारत सरकार तो बांग्लादेश के साथ थी। युद्ध तो पाकिस्तान से हो रहा था फिर मोदी जी को जेल भेजा किसने? भारत ने या पाकिस्तान ने?"

पीएम के इस बयान पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश को भारतीय फेक न्यूज का मजा चखा रहे हैं। यह बचकानी बात है क्योंकि हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मोदी के भाषण वाला वीडियो ट्वीटर पर शेयर कर लिखा कि मानो या न माने। उनके चाय बेचने का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। उनके पढ़ाई का भी कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। अब ये जाहिर सी बात है, इसका भी कोई रिकॉर्ड नहीं होगा। क्या ये जन्म से ही झूठे हैं। फेकू हैं। आप निर्णय लिजिए।

मोदी के इस बयान पर रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि चाय बेचते थे या मगरमच्छ पकड़ते थे? बांग्लादेश के लिए लड़ रहे थे या हिमालय की सैर पर थे? उसी बीच कालेज कब गए पता नही, उसी बीच सिख आंदोलन का हिस्सा भी बन गए, इतिहास का कोई ऐसा पन्ना है जिसमें साहब का नाम नहीं है? इतिहासकारों को साहब का संघर्ष चिन्हित कर किताबें फिर से लिखनी चाहिए।

 

 

 

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