भारतीय कानून के मुताबिक वह आल इंडिया मेडिकल सीट में नहीं बैठ सकती थी। क्योंकि यहां सिर्फ दाेे वर्गों एक एनआरआई तथा दूसरा इंडियन कैटगरी के तहत ही छात्रों को परीक्षा देने की योग्यता हासिल है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद में कट़टरपंथ से परेशान हिंदू परिवार की यह बेटी धार्मिक वीजा के आधार पर अपने परिवार के साथ भारत आ गई। परिवार उसका जयपुर में रहने लगा लेकिन उसकी परेशानी यहीं खतम नहीं हुई। वह मेडिकल टेस्ट देने के योग्य नहीं थी। उसकी यह दिक्कत जब विदेेश मंत्री सुषमा स्वराज की नजर में आई तो उन्होंने मशाल को मेडिकल सीट दिलाने का आश्वासन दिया था। सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर लिखा था मशाल, परेशान मत हो मेरी बच्ची, मैं मेडिकल कॉलेज में तुम्हारे एडमिशन के मामले को पर्सनली उठाउंगी। मशाल के माता-पिता भी डॉक्टर हैं। पाकिस्तान के हैदराबाद में उन्हें एक बार अगवा करने की कोशिश की हई जिसके बाद वे भारत आ गए। मशाल ने 10वीं तक की पढ़ाई पाकिस्तान में की है।
पाक की बेटी हमारे यहां बनेगी डॉक्टर, सुषमा ने दिलाई मेडिकल सीट
पाकिस्तान की बेटी मशाल माहेश्वरी को कर्नाटक में एक मेडिकल सीट ऑफर की गई है। इस तरह उसका डाॅॅक्टर बनने का सपना पूरा हो जाएगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप के बाद उसे यह सीट ऑफर की गई है। मशाल ने जयपुर में रहते हुए अभी सीबीएसई से अभी हाल ही में 12 वीं की परीक्षा 91 फीसदी अंक के साथ पास की है। निसंदेह यह प्रतिभा अब अमन चैन के साथ डॉक्टरी कैरियर को एक नया परवान देगी।

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