जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने अब थार एक्सप्रेस की सेवाओं को रोक दिया है। यह ट्रेन जोधपुर से कराची तक चलती है। इसकी जानकारी पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने दी। इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि यह पाकिस्तान का एकपक्षीय फैसला है। बिना हमें जानकारी दिए हुए पाकिस्तान ने ऐसा किया।
दरअसल, थार एक्सप्रेस भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली सबसे पुरानी रेल सेवा है। मुनाबाओ एवं खोखरापार क्रमश: भारत एवं पाकिस्तान में अंतिम सीमांत स्टेशन हैं। यह रेल सेवा 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद पटरियां क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण रोक दी गई थी, जिसे 41 साल बाद 18 फरवरी 2006 को फिर से शुरु किया गया था।
इससे पहले गुरुवार को ही पाकिस्तान की ओर से समझौता एक्सप्रेस को हमेशा के लिए बंद करने का ऐलान किया गया था। पाकिस्तान के रेल मंत्री ने राशिद अहमद खान ने कहा था, जिन्होंने इसके लिए पहले से टिकट खरीद लिए हैं, बिना कोई चार्ज काटे रिफंड लौटा दिया जाएगा। लिहाजा, भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस लगभग साढ़े चार घंटे की देरी से अटारी से चली थी। ट्रेन करीब साढ़े आठ बजे दिल्ली पहुंची। यह देर रात डेढ़ बजे अटारी से दिल्ली के लिए चली थी।
इससे पहले पाकिस्तानी प्राधिकारियों की ओर से गुरुवार को वाघा सीमा पर रोकी गई समझौता एक्सप्रेस निर्धारित समय से साढ़े चार घंटे की देरी से, शुक्रवार को सुबह आठ बजकर पांच मिनट पर 117 यात्रियों के साथ पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची थी। रेलवे ने बताया कि ट्रेन को पाकिस्तान सीमा में वाघा पर रोक दिया गया था। यात्री भारत की सीमा में अटारी पर देरी से पहुंचे और वहां औपचारिकताएं पूरा करने में भी समय लगा जिसके कारण ट्रेन को यहां पहुंचने में विलंब हुआ।
पाकिस्तानी प्राधिकारियों ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को वाघा सीमा पर ट्रेन रोक दी थी जिसके कारण यात्री वहां फंसे रहे थे। भारतीय रेलवे ने वाघा से भारत की सीमा में अटारी तक ट्रेन के साथ चलने के लिए चालक दल के एक सदस्य और गार्ड के साथ एक इंजन भेजा था।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय चालक दल के सदस्यों के साथ ट्रेन अटारी पहुंची जिसमें 48 पाकिस्तानियों समेत 117 यात्री थे। इसके बाद यह ट्रेन दिल्ली की ओर बढ़ी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने काह कि हमने उनसे उनके फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है। हमें लगता है कि पाक द्वारा जो कुछ भी किया जा रहा है, वह द्विपक्षीय संबंधों की चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह पाकिस्तान के लिए समय है कि सच्चाई को स्वीकार करे और अन्य देशों के आंतरिक मामलों में दख्ल देना बंद कर दे।