राज्य चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नासिक और नंदूरबार जिलों के दो गांवों में पंचायत चुनाव रद्द कर दिया है। आयोग ने यह कदम सरपंच और सदस्य के पदों के लिए सार्वजनिक रूप से बोली लगने के सबूत सामने आने के बाद उठाया है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त यूपीएस मदान ने 15 जनवरी को होने वाले ग्राम पंचायत चुनाव से दो दिन पहले यह ऐलान किया है। आधिकारिक बयान के मुताबिक नासिक और नंदूरबार जिलों की क्रमश: उमराने तथा खोंडामली की ग्राम पंचायतों के सरपंच और सदस्य पदों के लिए सार्वजनिक रूप से बोली लगने की खबरें थीं।
बयान में कहा गया, ‘‘आयोग ने जिलाधिकारियों, चुनाव पर्यवेक्षकों, उपमंडल अधिकारियों और तहसीलदारों से मिली रिपोर्ट का अध्ययन करने तथा दस्तावेजों और वीडियो टेप देखने के बाद वहां समूची चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला किया है।’’
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में कथित तौर पर एक प्रसिद्ध प्याज बाजार में उमराने के सरपंच पद के लिए बोली लगाते हुए दिखाया गया। जानकारी के मुताबिक यह घटना 27 दिसंबर को हुई थी। इस पद के लिए बोली 1.1 करोड़ रुपये से शुरू हुई थी और आखिरी बोली लगाने वाले ने 2 करोड़ से ज्यादा की पेशकश की थी। वीडियो वायरल होने के बाद, नासिक कलेक्टर सूरज मंधारे ने संबंधित अधिकारियों से इस मामले की रिपोर्ट मांगी। इस पर रिपोर्ट को राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपा गया। इसी प्रकार का एक वीडियो खोंडामाली का भी वायरल हुआ था। यहां भी सरपंच पद की नीलामी हो रही थी। विजेता बोली 42 लाख रुपये की थी। यह राशि गांव के मंदिर बनाने के लिए दिया जाना था।