'पेंडोरा पेपर्स' ने इस समय पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। इस बीच बायोटेक्नोलॉजी प्रमुख बायोकॉन लिमिटेड की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार-शॉ ने सोमवार को कहा कि 'पेंडोरा पेपर्स' में उनके पति के विदेश स्थित ट्रस्ट का नाम गलत तरीके से शामिल किया गया है और यह संगठन 'वास्तविक' और 'वैध' है।
बायोकॉन की प्रमुख मजूमदार-शॉ ने ट्विटर पर लिखा, "पेंडोरा पेपर्स से जुड़ी मीडिया की खबरों में मेरे पति के विदेशी ट्रस्ट का नाम गलत तरीके से शामिल किया जा रहा है जो एक वास्तविक, वैध ट्रस्ट है और स्वतंत्र ट्रस्टियों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। भारत में रहने किसी भी व्यक्ति के पास ट्रस्ट की "कुंजी" नहीं है, जैसा कि इन खबरों में आरोप लगाया गया है।"
दुनिया भर में पत्रकारीय साझेदारी द्वारा रविवार को लीक हुए लाखों दस्तावेज़ों को 'पेंडोरा पेपर्स' कहा गया, जिसमें भारत सहित 91 देशों और क्षेत्रों में वर्तमान और पूर्व विश्व नेताओं, राजनेताओं और सार्वजनिक अधिकारियों के वित्तीय रहस्यों को उजागर करने का दावा किया गया है।
इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे), जिसमें यूके में बीबीसी और 'द गार्जियन' अखबार और भारत में 'द इंडियन एक्सप्रेस' शामिल थे, ने अपनी जांच में 150 मीडिया आउटलेट्स के बीच दावा किया कि इसने कई सुपर अमीरों के गुप्त वित्तीय लेन-देन का पता लगाने के लिए 11.9 मिलियन से अधिक गोपनीय डेटा प्राप्त किया। आईसीआईजे ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "गुप्त दस्तावेजों से लेनदेन से जुड़े लोगों में भारत के क्रिकेट सुपरस्टार सचिन तेंदुलकर, पॉप संगीत शकीरा, सुपर मॉडल क्लाउडिया शिफर और एक इतालवी डकैत शामिल हैं जिन्हें 'ले द फैट वन' के नाम से जाना जाता है।"