रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के एक बयान ने देश के राजनीतिक दलों में हंगामा मचा रखा है। दरअसल रक्षा मंत्री ने कहा था कि कुछ पूर्व प्रधानमंत्रियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया था। पर्रिकर के बयान के बाद चौतरफा सवाल उठने लगे कि आखिर वह कौन पीएम था जिसने ऐसा किया। कांग्रेस ने तो उन प्रधानमंत्रियों के नामों का खुलासा करने या माफी मांगने की बात कही है। हालांकि खुफिया एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि मंत्री का इशारा कांग्रेस के किसी पीएम की तरफ नहीं बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदर कुमार गुजराल की तरफ था जिन्होंने पाकिस्तान के इरादों के प्रति मुगालते में वहां रॉ की सारी गतिविधियां बंद करवा दी थीं। दूसरी ओर भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी का दावा है कि प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई भी पाकिस्तान से बर्ताव में राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के प्रति लापरवाह थे। कहा जाता है कि उन्होंने पाकिस्तानी तानाशाह जियाउल हक को यह कहा था कि उन्हें पता है कि पाकिस्तान परमाणु बम बना रहा है। इसके बाद पाकिस्तानी जासूसों ने रॉ के कई जासूसों का पता लगाकर उन्हें निरस्त कर दिया था। गौरतलब है कि पर्रिकर ने मुंबई में यह भी कहा था कि उन्होंने पाकिस्तान से आई नाव पर बहुत जानकारी इसलिए नहीं दी कि वह खुफिया स्रोत के बारे में कोई खुलासा नहीं चाहते थे। इस नाव को भारतीय नौसैनिकों ने अपने एक ऑपरेशन में घेर लिया था। बाद में इस नाव पर सवार लोगों ने खुद को मार लिया था।
पर्रिकर के बयान पर बवाल
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के एक बयान ने देश के राजनीतिक दलों में हंगामा मचा रखा है। दरअसल रक्षा मंत्री ने कहा था कि कुछ पूर्व प्रधानमंत्रियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया था।
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