आरएसएस का मानना है कि भारत का जो विभाजन 1947 में हुआ वह स्थाई नहीं है। बल्कि यह एक कृत्रिम विभाजन है। संघ को विश्वास है कि एक दिन विभाजित हुए अंगों को मिलाकर एक अखंड भारत का निर्माण जरूर होगा। रविवार को आयोजित अखंड भारत दिवस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए आरएसएस के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक शिव नारायण ने कहा कि 1947 में देश का विभाजन उस समय के नेताओं की ऐतिहासिक भूल का परिणाम है। उन्होंने राष्ट्रपिता का जिक्र करते हुए कहा कि महात्मा गांधी कहते रहे कि देश का विभाजन हमारी लाश पर होगा, पर अंत में अंग्रेजों के सामने उन्हें झुकना पड़ा। क्षेत्र प्रचारक शिवनारायण ने कहा कि एक तरफ जहां उस समय देश की जनता आजादी मांग रही थी वहीं स्वार्थ में डूबे कुछ राजनेता प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नजर गड़ाए थे और उसके लिए जोड़तोड़ में लगे थे। उन्होंने कहा, 1947 में हम आजाद तो हुए लेकिन हमें खंडित आजादी मिली। अंग्रेजी हूकुमत ने जाते-जाते अखंड भारत के दो टुकड़े कर दिए। और इस षड़यंत्र को तब के हमारे नेता रोक नहीं सके।
क्षेत्र प्रचारक शिव नारायण ने कहा, 14 अगस्त 1947 तक भारत अखंड था। उसी 14 अगस्त की मध्य रात्रि में देश के दो टुकड़े कर दिए गए। उन्होंने कहा कि देश का विभाजन होते ही पाकिस्तान के हिस्से में हिंसा शुरू हो गई। पाकिस्तान में हिन्दुओं को मौत के घाट उतारा जाने लगा। शिव नारायण ने दावा किया कि ऐसे समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने अपनी जान की बाजी लगाकर अपने हिन्दू भाई-बहनों को वहां से सुरक्षित निकालने का काम किया था। उन्होंने बताया कि तत्कालीन सरसंघचालक माधव राव सदाशिवराव गोलवलकर ने उस समय स्वयंसेवकों को साफ तौर पर कहा था, जब तक पाकिस्तान से सभी हिन्दू सुरक्षित भारत आ नहीं जाते तब तक स्वयंसेवकों को मोर्चे पर डटे रहना है। शिव नायण ने दावा कियाकि ऐसी संकट की घड़ी में संघ के स्वयंसेवकों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर हिन्दुओं को पाकिस्तान से निकाल कर भारत लाया। कार्यक्रम में आरएसएस के सह प्रान्त व्यवस्था प्रमुख रामनरेश, भाग संघचालक हरी कुमार, लखनऊ के विभाग कार्यवाह प्रशान्त भाटिया, सह विभाग कार्यवाहक अजय जोशी समेत तमाम लोग प्रमुख रूप से उपस्थित थे।