पतंजलि ने आज कोरोना की नई दवा लॉन्च की है।योग गुरु रामदेव ने 'पतंजलि द्वारा कोविड19 की प्रथम साक्ष्य-आधारित दवा' पर वैज्ञानिक शोध पत्र जारी किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी उपस्थित रहे। पतंजलि का दावा है कि नई दवा साक्ष्यों पर आधारित है। नई दवा का नाम भी कोरोनिल ही ह। पतंजलि का कहना है कि कोरोनिल टैबलेट से अब कोविड का इलाज होगा।
पतंजलि का कहना है कि आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल टैबलेट को कोरोना की दवा के तौर पर स्वीकार कर लिया है। पतंजलि का कहना है कि नई कोरोनिल दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से सर्टिफाइड है। WHO ने इसे GMP यानी 'गुड मैनुफैक्चरिंग प्रैक्टिस' का सर्टिफिकेट दिया है। यह दवा 'एविडेंस बेस्ड' है। दवा लांच करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि योग आयुर्वेद को रिसर्च बेस्ड ट्रीटमेंट के तौर पर चिकित्सा पद्धति के रूप में अपनाया जा रहा है।
बाबा रामदेव ने कहा, 'जब हमने कोरोनिल के जरिए लाखों लोगों को जीवनदान देने का काम किया तो कई लोगों ने सवाल उठाए, कुछ लोगों के मन में रहता है कि रिसर्च तो केवल विदेश में हो सकता है, खासतौर पर आयुर्वेद के रिसर्च को लेकर कई तरह के शक किए जाते हैं, अब हमने शक के सारे बादल छांट दिए हैं, कोरोनिल से लेकर अलग-अलग बीमारी पर हमने रिसर्च किया है.'
वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'पतंजलि के अनुसंधान का देश को लाभ तो होगा ही, वहीं वैज्ञानिक रूप से यह काम करने के लिए बाबा रामदेव और आचार्च बालकृष्ण का धन्यवाद करता हूं, जो अब वैज्ञानिक आधार लेकर फिर से जनता के सामने आए हैं, तो निश्चित तौर पर लोगों का विश्वास और इस पर बढ़ेगा।'
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की प्रशंसा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना काल में आयुर्वेद पद्धति पर लोगों का विश्वास बढ़ा है, कोरोना से पहले आयुर्वेद का मार्केट हर साल 15 प्रतिशत बढ़ रहा था, मगर कोरोना के बाद इसमें 50 से लेकर 90 फीसदी का उछाल आया है, भारत ही दुनिया के लोगों का विश्वास आयुर्वेद पर बढ़ रहा है।
बता दें कि इससे पहले पतंजलि ने 23 जून 2020 को कोरोना के लिए कोरोनिल लॉन्च की थी, जिसमें सात दिन में कोरोना के इलाज का दावा किया गया था। हालांकि ये दवा लॉन्च होते ही विवादों में आ गई थी।