जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए नए भूमि कानून के खिलाफ कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) द्वारा निकाले जा रहे विरोध मार्च को पुलिस ने नाकाम कर दिया है। मार्च में शामिल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पूर्व एमएलसी खुर्शीद आलम समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लेते हुए पीडीपी के श्रीनगर स्थित मुख्यालय को सील कर दिया है।
केंद्र सरकार के आदेश के विरोध में पीडीपी नेताओं ने आज श्रीनगर पार्टी मुख्यालय से प्रेस एन्क्लेव तक आज विरोध रैली का आयोजन किया था। पार्टी के नेता विरोध मार्च में शामिल होने के लिए जैसे ही पार्टी मुख्यालय पहुंचे वहां पहले से ही तैनात पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
इस कार्रवाई के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर की ज़मीन को लूटने का जो कानून बीजेपी ने पास किया है उसके खिलाफ आज जम्मू कश्मीर में पीडीपी के लोग प्रदर्शन करने जा रहे थे, उनको गिरफ़्तार किया, रात को घर से उठाया गया। मैंने थाने में उनसे मिलने की कोशिश की तो मुझे रोक दिया गया, जम्मू कश्मीर को एक जेल में तब्दील किया गया है।
पूर्व सीएम ने आगे कहा कि ये लोग जम्मू कश्मीर के संसाधन लूट के ले जाना चाहते हैं। बीजेपी ने गरीब को दो वक्त की रोटी नहीं दी, वो जम्मू कश्मीर में ज़मीन क्या खरीदेगा? दिल्ली से रोज एक फ़रमान जारी होता है, अगर आपके पास इतनी ताकत है तो चीन को निकालो जिसने लद्दाख की ज़मीन खाई है, चीन का नाम लेने से थरथराते हैं।
मुफ्ती ने एक ट्वीट में यह जानकारी देते हुए लिखा कि श्रीनगर पार्टी कार्यालय को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया है। उनके नेता व कार्यकर्ता शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, परंतु सरकार उन्हें गिरफ्तार कर आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू में भी गत बुधवार को इस तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया था परंतु वहां प्रदर्शन की अनुमति दे दी गई थी, परंतु श्रीनगर में इसे विफल क्यों कर दिया गया? क्या यह ‘सामान्य स्थिति’ की आपकी परिभाषा है, जिसे दुनिया में दिखाया जा रहा है?