भारत की राजधानी दिल्ली में जी20 समिट का आगाज हो गया है। इस समिट में दुनिया भर की शक्तिशाली हस्तियां पहुंच गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिट का उद्घाटन करते हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया। उन्होंने सबसे पहले मोरक्को में हुए भूंकप हादसे से मृत्यु को प्राप्त हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में भारत मोरक्को के साथ है।
इसके साथ ही अब जी20 आगे से जी21 कहा जाएगा। अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्यता मिल गई है और इस तरह अब जी20 को जी21 कहा जाएगा। भारत ने खुद को ग्लोबल साउथ के लीडर के तौर पर स्थापित किया है। पीएम मोदी ने कहा कि जी 20 के सभी देशों ने अफ्रीकन यूनियन को शामिल करने के प्रस्ताव को सहमति दी है। यह ऐतिहासिक कदम है। इसी के साथ जी 20 का स्थायी सदस्य बनने पर कोमोरोस संघ के अध्यक्ष और अफ्रीकी संघ (AU) के अध्यक्ष अज़ाली असौमानी ने अपना स्थान ग्रहण कर लिया है।
इससे पूर्व पीएम मोदी ने अमरीकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ साथ सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायेद का गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया है और कहा है कि इस पर दुनिया की नजर है।
पीएम मोदी ने कहा कि जहां हम एकत्र हुए हैं, वहां से कुछ दूर ढाई हज़ार साल पुराना स्तंभ है जिस पर प्राकृत भाषा में लिखा है - मानवता का कल्याण और सुख ,सवैद सुनिश्चित किया जाएगा।हमें आने वाली पीढ़ी के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल, नॉर्थ और साउथ के बीच का फर्क, ईस्ट और वेस्ट के बीच का फर्क, अनाज संकट, खाद संकट जैसी चुनौतियों का सामना करना ही पड़ेगा।
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 के बाद विश्व में बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने ट्रस्ट डेफिसिट को और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो आपसी अविश्वास के तौर पर आए संकट को भी हरा सकते हैं।हम सब मिलकर ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को एक विश्वस और एक भरोसे में बदलें। ये सबको साथ मिलकर चलने का समय है सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास का मंत्र हम सब के लिए पथ प्रदर्शक बन सकताहै।