देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं। शुक्रवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मुलाकात की। दोनों की बैठक में दोनों देशों के रिश्तों, कोरोना समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने जो बाइडेन से कहा कि यह दशक भारत और अमेरिका के लिए काफी अहम होने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति का विजन काफी प्रेरक है।
वहीं, पीएम मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से भी मुलाकात की। इस दौरान उप-राष्ट्रपति हैरिस के साथ पीएम मोदी की कई मुद्दों पर बात हुई। कमला हैरिस ने पीएम मोदी के सामने लोकतंत्र के मुद्दे को भी उठाया। बिना किसी देश का नाम लिए उन्होंने कहा कि दुनिया में लोकतंत्र खतरे में है और और इसे बचाने की जरूरत है। अगर हालात सुधारने हैं तो भारत का साथ आना जरूरी है।
पीएम मोदी लगातार सोशल मीडिया के जरिए अपने दौरे, बैठकों और मुलाकात की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। लेकिन, दिलचस्प बात है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो-बाइडेन या उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने एक भी तस्वीर साझा नहीं की है। सिर्फ हैरिस ने बैठक के बाद की अब तक की एक वीडियो क्लिप अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की हैं। इसके बाद लोग भी सोशल मीडिया पर पीएम मोदी को लेकर तंज कस रहे हैं।
यहां तक की बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी लगे हाथ सवाल पूछ लिया। शुक्रवार को मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कई तस्वीरें साझा की। उन्होंने लिखा, "उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मिल कर खुशी हुई। उनके कार्य ने पूरी दुनिया को प्रेरणा दी है। हमने कई विषयों पर बात की जो भारत-अमेरिका की दोस्ती को और मजबूत करेंगे, ये साझा मूल्यों और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित है।"
पीएम मोदी के इस पोस्ट पर बीजेपी नेता स्वामी ने रिप्लाई किया और पूछा, "क्या उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी बैठक के बारे में ट्वीट किया ? मैंने देखा कि उन्होंने अफ्रीकन मुलाकात के बारे में साझा किया था, लेकिन जहां तक मैं देख रहा हूं, उन्होंने मोदी की मुलाकात के बारे में कोई ट्वीट नहीं किया है।"
गौरतलब है कि पीएम मोदी लगातार अमेरिकी मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। वहीं, जो बाइडेन- हैरिस मुलाकात के बाद अमेरिका के व्हाइट हाउस में आयोजित की गई क्वाड देशों की समिट में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि क्वाड देशों को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साथ मिलकर काम करना होगा। लेकिन, अमेरिका ने हाल में हिंद-प्रशांत की सुरक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया तथा ब्रिटेन के साथ मिलकर बनाए त्रिपक्षीय गठबंधन ‘ऑकस' में भारत या जापान को शामिल किए जाने की संभावना को खारिज कर दिया है।