केंद्र द्वारा लाए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच पीएम मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। मोदी का ये साल का अंतिम मन की बात कार्यक्रम था0। दूसरी ओर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान थाली और ताली बजाकर मोदी के मन की बात कार्यक्रम का विरोध किया। कई किसान नेता पहले ही इस प्रकार के विरोध की मंशा जता चुके थे।
इधर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने शनिवार को सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का निर्णय किया और अगले दौर की वार्ता के लिए 29 दिसंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया, ताकि नए कानूनों को लेकर बना गतिरोध दूर हो सके। किसान संगठनों ने साथ ही यह साफ किया कि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीके के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए गारंटी का मुद्दा एजेंडा में शामिल होना चाहिए।
कृषि कानूनों के विरुद्ध दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे 40 किसान यूनियनों के मुख्य संगठन संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक में यह फैसला किया गया। इस फैसले से एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर दिया था कि उनकी सरकार अपने कटु आलोचकों सहित सभी से बातचीत के लिये तैयार है, मगर यह बातचीत ‘तर्कसंगत, तथ्यों और मुद्दों’ पर आधारित होनी चाहिये। उन्होंने केन्द्र और किसानों के बीच वार्ता में गतिरोध के लिये राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना भी साधा था।