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प्रधानमंत्री ने की मन की बात कहा, देश भर के जवानों के नाम दीया जले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं दी और कहा कि बुराइयों को मिटाने और भारतीय जनजीवन में उत्सव लाने का दूसरा नाम दिवाली है। दिवाली एक स्वच्छता अभियान होता है। मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अपने कई अनुभवों को भी साझा किया।
प्रधानमंत्री ने की मन की बात कहा, देश भर के जवानों के नाम दीया जले

विदेशों में दिवाली की लोकप्रियता का उदाहरण देते हुए उन्होंने विश्व समुदाय के नेताओं के साथ अपनी बातचीत का जिक्र किया और कहा कि सिंगापुर के सांसदों ने भी दिवाली मनाई। आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार दिवाली सेना के जवानों के नाम मनाएं। देश भर में सेना के जवानों के लिए दिया जले। हर दिल में सेना के लिए प्यार है। ये पर्व भारतीय जनजीवन में उत्सव का दूसरा नाम है। जो विश्व समुदाय को भी अंधेरे से उजाले की ओर ले जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से उत्साह के साथ दिवाली मनाने की अपील की। हमारा हर एक पर्व शिक्षा का संदेश देता है। प्रधानमंत्री ने सूर्य के उपासना के महापर्व छठ पर भी देशवासियों को भी बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दिवाली के मौके पर लोगों ने अपनी कला के जरिए सेना के प्रति अपने प्यार को जताया है। नरेंद्र मोदी एप्प में भावनाओं का सागर उमड़ पड़ा है जो देश के जवानों के लिए यह गर्व का पल है। नरेंद्र मोदी ने कल सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस का जिक्र किया और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर भी उनका स्मरण किया। प्रधानमंत्री ने पंजाब के जसजीत का संदेश सुनवाया, जिसमें उन्होंने पटेल को लेकर बात की थी। जसमीत का सवाल था कि श्रीमती गांधी की हत्या के बाद जिस तरह की घटनाएं हुई, एेसी घटनाओं को कैसे रोकें ?

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये पीड़ा एक व्यक्ति की नहीं है। एक सरदार, सरदार वल्लभ भाई पटेल, इतिहास इस बात का गवाह है कि चाणक्य के बाद, देश को एक करने का भगीरथ काम, सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया। आजाद हिंदुस्तान को, एक झांडे के नीचे लाने का सफल प्रयास, इतना बड़ा भगीरथ काम जिस महापुरुष ने किया, उस महापुरुष को शत-शत नमन। मोदी ने कहा, लेकिन यह भी तो पीड़ा है कि सरदार साहब एकता के लिए जिए, एकता के लिए जूझते रहे, एकता की उनकी प्राथमिकता के कारण, कइयों की नाराजगी के शिकार भी रहे, लेकिन एकता के मार्ग को कभी छोड़ा नहीं.. लेकिन, उसी सरदार की जन्म-जयंती पर हजारों सरदारों को, हजारो सरदारों के परिवारों को श्रीमती गांधी की हत्या के बाद मौत के घाट उतार दिया गया।

मोदी ने अश्विनी कुमार चौहान की कविता भी पढ़ कर सुनाई जिसकी पंक्तियां इस प्रकार है। 

“मैं त्योहार मनाता हूँ, ख़ुश होता हूँ, मुस्कुराता हूँ, 
मैं त्योहार मनाता हूँ, ख़ुश होता हूँ, मुस्कुराता हूँ, 
ये सब है, क्योंकि, तुम हो, ये तुमको आज बताता हूँ, 
मेरी आज़ादी का कारण तुम, ख़ुशियों की सौगात हो, 
मैं चैन से सोता हूँ, क्योंकि, 
मैं चैन से सोता हूँ, क्योंकि तुम सरहद पर तैनात हो, 
शीश झुकाएँ पर्वत अम्बर और भारत का चमन तुम्हें, शीश झुकाएँ पर्वत अम्बर और भारत का चमन तुम्हें, 
उसी तरह सेनानी मेरा भी है शत-शत नमन तुम्हें, उसी तरह सेनानी मेरा भी है शत-शत नमन तुम्हें ।। ” 

 मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कई योजनाओं की भी चर्चा की। 

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