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PNB फर्जीवाड़ा: नीरव मोदी के खिलाफ नया मामला दर्ज, बिंदुओं में जानिए अहम बातें

पंजाब नैशनल बैंक फर्जीवाड़ा मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नीरव मोदी के खिलाफ एक...
PNB फर्जीवाड़ा: नीरव मोदी के खिलाफ नया मामला दर्ज, बिंदुओं में जानिए अहम बातें

पंजाब नैशनल बैंक फर्जीवाड़ा मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नीरव मोदी के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज किया है। वहीं ईडी ने 11 राज्यों में 35 नए ठिकानों पर पर छापेमारी की। इस दौरान आज 549 करोड़ की संपत्ति सीज किया गया। अब कुल सीज हुई संपत्ति 5649 (कल की वसूली सहित) करोड़ की हो गई है।  

इससे पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और उसके सहयोगी मेहुल चोकसी के पासपोर्ट को चार सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया।

सीबीआई की टीम ने गोकुलनाथ शेट्टी के घर पर भी दबिश दी थी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कारोबारी मेहुल चोकसी के 20 ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है। मेहुल चौकसे के पांच राज्यों के छह शहरों के बीस ठिकाने पर छापेमारी की गई है। इनमें मुंबई, पुणे, सूरत, जयपुर और हैदराबाद शामिल हैं। जबकि गुरुवार को भी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और चोकसी के 17 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने गहन छापेमारी की थी। साथ ही  इस मामले से संबंधित कंपनियों पर एफआईआर भी दर्ज भी की गई है। एफआईआर में 3 मुख्य कंपनियां36 सहायक कंपनियां शामिल है। 36 कंपनियों में से 17 मुंबई में हैं1 हैदराबाद में हैं और बाकी कंपनियां भारत से बाहर हैं।

आरबीआई ने क्या कहा?

भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) का कहना है कि उसने पहले ही पीएनबी में नियंत्रण प्रणाली का मूल्यांकन किया है और उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।

एक सप्ताह में नहीं आया कोई जवाब तो पासपोर्ट रद्द: विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने हीरा व्यापारी नीरव मोदी और उसके कारोबारी साझेदार मेहुल चोकसी का पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से चार हफ्तों के लिए निलंबित कर दिया है। मंत्रालय ने उनसे इस पर एक हफ्ते में जवाब मांगा है कि उनका पासपोर्ट रद्द क्यों नहीं किया जाए।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ अगर वे दिए गए समय में जवाब देने में विफल रहते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि उनके पास कोई जवाब नहीं है और विदेश मंत्रालय (पासपोर्ट) रद्द करने पर आगे बढ़ेगा।’’ 

पासपोर्ट को निलंबित करने का ऐलान करते हुए मंत्रालय ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की सलाह पर विदेश मंत्रालय के तहत आने वाले पासपोर्ट कार्यालय ने आज नीरव दीपक मोदी और मेहुल चिनुभाई चोकसी का पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से चार हफ्तों के लिए निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई पासपोर्ट अधिनियम की धारा 10 (ए) के तहत की गई है।
इसमें कहा गया है कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 10 (3) (सी) के तहत उन्हें यह जवाब देने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है कि उनका पासपोर्ट जब्त या रद्द क्यों नहीं किया जाए।

सीबीआई और ईडी ने कल विदेश मंत्रालय में अलग अलग आवेदन भेजकर मांग की थी कि नीरव मोदी और उसके मामा तथा उसके कारोबारी साझेदार मेहुल चोकसी का पासपोर्ट रद्द किया जाए। दोनों 280 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के मामले में आरोपी हैं।

पचास से अधिक कम्पनियां जांच के घेरे में  

समाचार एजेंसी एएनआई ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि बैंक फर्जीवाड़ा और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में जांच एजेंसियां (ED, CBI और IT) नीरव मोदी से जुड़ीं 50 से ज्यादा कंपनियों पर छापेमारी करेंगी। 

गीताजंलि के खिलाफ एफआईआर

वहीं सीबीआई ने पीएनबी को 4,886 करोड़ रुपये के नुकसान पहुंचाने के मामले में आरोपी मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि के खिलाफ एक फ्रेश एफआईआर दर्ज कर ली है। 

ईडी ने जारी किया समन

ईडी ने भी बैंकिंग फ्रॉड के इस मामले में नीरव मोदी और मेहलु चोकसी के नाम समन जारी किया है। दोनों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत समन जारी किया गया है। ईडी ने सीबीआई के केस के आधार पर पीएमएल के तहत भी एफआईआर दर्ज किया है।

नीरव की 5100 करोड़ की संपत्ति जब्त

देशभर में गुरुवार से नीरव मोदी के लगभग एक दर्जन ठिकानों पर छापेमारी के बाद लगभग 5100 करोड़ की संपत्ति जब्त (सीज) की गई है। इसमें हीरे, जवाहरात और सोना जब्त किया है। नीरव मोदी की 6 संपत्ति को सीज किया गया। इसके अलावा बैंक अकाउंट्स से 3.9 करोड़ की रकम और फिक्स्ड डिपॉजिट को भी फ्रीज किया।

18 बैंक कर्मचारी निलंबित

इस पूरे घोटाले में नीरव की मदद करने वाले अब तक करीब 18 बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों को पीएनबी ने निलंबित कर दिया है, जिसमें जनरल मैनेजर स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं। बैंक की आंतरिक जांच अभी भी चल रही है।

11,400 करोड़ का फर्जीवाड़ा

बुधवार को एक बड़े बैंकिंग फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पंजाब नेशनल बैंक ने आरोप लगाया कि उसके यहां 11,400 करोड़ का फर्जी ट्रांजैक्शन हुआ है। इसमें मशहूर ज्वैलरी डिजाइनर और हीरा कारोबारी नीरव मोदी का नाम भी आया है।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

- रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीरव मोदी और उसके साथियों ने अपनी तीन कंपनियों डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट, स्टैलर डायमंड के जरिए ये ट्रांजैक्शन किए। सामान मंगाने के लिए उन्होंने पीएनबी से एलओयू यानी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने की मांग की।

- उन्होंने लेटर ऑफ अंडरटेकिंग हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक के नाम पर जारी करने की गुजारिश की।

- लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का मतलब है कि जो सामान खरीदा जा रहा है उसके पैसे देने की गारंटी बैंक देता है।

- पीएनबी ने हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक को 5 और एक्सिस बैंक को 3 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी किए।

- हांगकांग से करीब 280 करोड़ रुपये का सामान इंपोर्ट किया गया।

- 18 जनवरी को इन तीनों कंपनियों के लोग इम्पोर्ट दस्तावेजों के साथ पीएनबी की मुंबई ब्रांच पहुंचे और पैसों का भुगतान करने को कहा।

- बैंक अधिकारी ने कहा कि जितना पैसा विदेश में भेजना है उतना ही जमा करना पड़ेगा।

- कंपनियों के अधिकारियों ने फिर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दिखाया और उसके आधार पर पेमेंट करने को कहा।

- बैंक ने जब जांच शुरू की तो उनके होश उड़ गए क्योंकि पीएनबी के रिकॉर्ड में कहीं भी जारी किए गए आठ लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का जिक्र नहीं था, मतलब बैंक में बिना पैसा गिरवी रखे लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करवाए।

- बैंक की तरफ से केस दर्ज किया गया। मामला सीबीआइ में पहुंचा। जांच हुई तो पता चला कि सभी 8 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग फर्जी तरीके से जारी किए गए।

- पीएनबी के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने एक दूसरे कर्मचारी के साथ मिलकर लेटर जारी किए और इन्हें सिस्टम में कहीं नहीं दिखाया।

- हांगकांग में जिससे सामान इंपोर्ट किए गए हैं उनकी बैंक गारंटी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के आधार पर हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने ली थी।

- अब ये मामला 11,400 करोड़ तक पहुंच गया है।

पहले भी पीएनबी ने दर्ज कराई थी शिकायत

पंजाब नेशनल बैंक ने 5 फरवरी को लगभग 280 करोड़ रुपये के फर्जी ट्रांजैक्शन का मामला सीबीआइ के सुपुर्द किया था। इस मामले की जांच सीबीआइ कर ही रही थी कि बैंक के मुंबई स्थित महज एक ब्रांच से आई फर्जीवाड़े की सूचना ने बैंक को 11,400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त नुकसान में ला दिया। हालांकि बैंक को अभी यह साफ करना बाकी है कि 5 फरवरी को सीबीआइ को सूचित किया गया 280 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा इस नए फर्जीवाड़े से अलग है या दोनों मामले जुड़े हुए हैं।

 

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