देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तबीयत और बिगड़ गई है। वह दिल्ली स्थित आर्मी अस्पताल में भर्ती हैं। अस्पताल की ओर से बताया गया है कि फेफड़ों में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक की स्थिति पैदा हो गई है। प्रणब मुखर्जी की इस महीने ब्रेन सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से वह कोमा में हैं।
बात दें कि ब्लड क्लॉटिंग होने के बाद प्रणब मुखर्जी की ब्रेन सर्जरी की गई थी जिसके बाद से ही वह वेंटिलेटर पर हैं। प्रणब मुखर्जी को 10 अगस्त की दोपहर को सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सर्जरी से पहले उनमें कोविड-19 की भी पुष्टि हुई थी।
फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से सेप्टिक शॉक में प्रणब मुखर्जी: अस्पताल
आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल की ओर से आज जारी किए गए बयान में बताया गया है कि बीते दिन से प्रणब मुखर्जी के स्वास्थ्य में गिरावट देखी जा रही है। फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से सेप्टिक शॉक में हैं। डॉक्टरों की एक स्पेशल टीम उनके इलाज में जुटी है। वह अभी भी गहरे कोमा में हैं और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।
खुद दी थी कोरोना संक्रमित होने की जानकारी
बता दें कि प्रणब मुखर्जी ने खुद ट्वीट करके अपने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। कोरोना टेस्ट भी पॉजिटिव पाया गया है। मुखर्जी ने ट्वीट किया था, 'एक अस्पताल के दौरे पर मैं कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया। पिछले सप्ताह मेरे साथ संपर्क में आए उन सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि वे खुद को आइसोलेट कर लें और कोरोना की जांच करवाएं।'
10 अगस्त को अस्पताल में हुए थे एडमिट
10 अगस्त को गंभीर हालत में दोपहर 12.07 बजे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल ने मंगलवार को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ब्रेन सर्जरी के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
2012 में बने थे देश के 13वें राष्ट्रपति
प्रणब मुखर्जी ने जुलाई 2012 में भारत के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी। वह 25 जुलाई 2017 तक इस पद पर रहे थे। प्रणब मुखर्जी को 26 जनवरी 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। प्रणब मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ-साथ कानून की डिग्री हासिल की थी। वो एक वकील और प्रोफेसर भी रहे।