उत्तर प्रदेश और पंजाब में कांग्रेस की नैया पार लगाने के लिए चुनाव मैनेजमेंट गुरु प्रशांत किशोर को जाति के सवाल पर सवंदेनशील होने की सलाह दी जा रही है। इन दोनों राज्यों के कांग्रेस नेताओं के साथ हुई बैठकों में प्रशांत किशोर को खास तौर से दलित मुद्दे के प्रति कांग्रेस पार्टी के रुख से रुबरु कराया जा रहा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दोनों बैठकों में उपस्थित रहे और बाद में इन बैठकों में कांग्रेसी नेताओं द्वारा पेश की गई तस्वीर का मूल्यांकन प्रशांत किशोर ने रणनीति बनाने के लिए किया, जिसका कुछ हिस्सा वह राहुल गांधी के साथ साझा भी कर चुके हैं।
पिछले दिनों पंजाब में कांग्रेस के नेतृत्व के साथ हुई बैठक की खासियत यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में दलित नेतृत्व मौजूद था। कुछ 40 कांग्रेसी नेताओं के साथ राहुल गांधी और प्रशांत किशोर बैठे थे और इसमें पंजाब के 10 दलित नेताओं ने शिरकत की। कांग्रेस के अनुसूचित प्रकोष्ठ में कई राज्यों के प्रभारी एसडीएम प्रसाद ने आउटलुक को बताया कि ऐसा संभवतः पहली बार हुआ चुनावी रणनीति के लिए बुलाई गई बैठक में 25 फीसदी शिरकत दलित नेताओं ने की। बैठक में शिरकत करने वाले दलित नेताओं में राजकुमार वरका, राजकुमार चेबेवाल, संतोष चौधरी, महेंद्र सिंह, चरनजीत सिंह छन्नी, बट्टा और अमरजीत सिंह ने खुलकर राज्य की स्थिति और दलित मुद्दों को रखा। बताया जाता है कि पंजाब में दलितों को वापस कांग्रेस में लाने के लिए कांग्रेस ने अपना सारा जोर लगाया हुआ है।
इस बैठक के बाद यह माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति में दलित नेतृत्व का मुद्दा अहम रहेगा।