राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हिमाचल प्रदेश की डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी की मानक उपाधि देने की पेशकश को ठुकरा दिया। विश्वविद्यालय ने नौवें दीक्षांत समारोह में मेधावी छात्रों को डिग्री और स्वर्ण पदक दिए। इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद को भी डॉक्टरेट ऑफ साइंस (डीएससी) की डिग्री प्रदान करने की योजना थी।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इसे लेकर राष्ट्रपति ने कहा, "मैं उन सभी छात्रों को बधाई देना चाहता हूं जिन्हें डिग्री प्रदान की गई है। मुझे खुशी हुई जब मुझे विश्वविद्यालय से मानद उपाधि की पेशकश की गई। मैंने इस डिग्री को प्राप्त करने से इनकार कर दिया क्योंकि मैं इसके लायक नहीं हूं। मैंने विश्वविद्यालय और सम्मान की सराहना की है। "
विश्वविद्यालय के प्रो. सुचेत अत्री ने कहा कि कोविंद ने पहले से ही बताया था कि वह मानद उपाधि स्वीकार नहीं करेंगे। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने बागवानी विश्वविद्यालय के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "मुझे यहां दीक्षांत समारोह में आने में बहुत खुशी मिली है, क्योंकि मैं छात्र के रूप में अपने दिनों को याद कर रहा हूं।" उन्होंने बागवानी और कृषि वस्तुओं की ब्रांडिंग पर भी जोर दिया। विशेष रूप से हिमाचल अपने सेब, मशरूम की खेती और कंगड़ा चाय के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।
कोविंद ने संस्थापक और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके नाम पर विश्वविद्यालय का नाम रखा गया।