प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को "डिजिटल गिरफ्तारी" नामक साइबर अपराध के बारे में बात की और कहा कि इसने समाज के सभी वर्गों को प्रभावित किया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे ऐसे किसी घोटाले का सामना होने पर "रुको, सोचो और कार्रवाई करो" के मंत्र को अपनाएं।
अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि जांच एजेंसियां इस मुद्दे से निपटने के लिए राज्यों के साथ काम कर रही हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इस अपराध से स्वयं को बचाने के लिए जागरूकता आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने एक प्रतिनिधि वीडियो दिखाया जिसमें दिखाया गया कि किस प्रकार ऐसे अपराधी अपने संभावित पीड़ितों के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र करने के बाद लोगों के डर का फायदा उठाने के लिए जांच एजेंसी के अधिकारी बनकर पेश आते हैं।
उन्होंने कहा, "डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी से सावधान रहें। कोई भी जांच एजेंसी ऐसी जांच के लिए आपसे कभी भी फोन या वीडियो कॉल के जरिए संपर्क नहीं करेगी।"
मोदी ने लोगों से राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन से जुड़ने के लिए 1930 डायल करने या इसके पोर्टल से जुड़ने तथा ऐसे अपराध के बारे में पुलिस को सूचित करने को कहा।
उन्होंने अक्सर सामने आने वाले अपराधों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें ऐसी बातचीत को रिकॉर्ड करना चाहिए और स्क्रीनशॉट भी लेना चाहिए।
अपने प्रसारण में प्रधानमंत्री ने एनीमेशन की दुनिया में भारतीय प्रतिभाओं के बढ़ते प्रभाव की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत में रचनात्मक ऊर्जा की लहर चल रही है। उन्होंने कहा कि 'मेड इन इंडिया' और 'मेड बाई इंडिया' एनीमेशन की दुनिया में चमक रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटा भीम, कृष्ण और मोटू पतलू जैसे भारतीय एनिमेशन पात्र व्यापक रूप से लोकप्रिय हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय विषय-वस्तु और रचनात्मकता को दुनिया भर में पसंद किया जा रहा है।
मोदी ने कहा कि भारत एनीमेशन के क्षेत्र में क्रांति लाने की ओर अग्रसर है और भारतीय खेल भी लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' के प्रयास भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश अब 85 से अधिक देशों को अपने रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रहा है।