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महाबलीपुरम में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मिले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक बैठक के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार...
महाबलीपुरम में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मिले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक बैठक के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को महाबलीपुरम पहुंचे। पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति के स्वागत के लिए पारंपरिक तमिल वेशभूषा में पहुंचे। उन्होंने यहां जिनपिंग को ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन कराए। इसके बाद दोनों ने पंच रथ स्थल पर नारियल पानी पिया और अनौपचारिक बातचीत की शुरुआत की। महाबलीपुरम में सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने जिनपिंग को रात्रिभोज दिया। इससे पहले जिनपिंग जब चेन्नई एयरपोर्ट पर पहुंचे तो वहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब चेन्नई के एयरपोर्ट पर उतरे तो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने उनका जोरदार स्वागत किया।

इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ महाबलीपुरम में कृष्णा बटरबॉल, अर्जुन की तपस्या स्थली और यूनेस्को हेरिटेज साइट के स्मारकों का भ्रमण किया। यूनेस्को हेरिटेज साइट के स्मारकों को पल्लव राजाओं द्वारा स्थापित किया गया था और इन स्मारकों को 7वीं और 8वीं शताब्दी में कोरोमंडल तट के किनारे चट्टान पर उकेरा गया था।

वैसे तो दोनों देश के नेता अब तक 14 बार मिल चुके हैं लेकिन उनमें से अनौपचारिक बातचीत सिर्फ एक ही बार हुई है और आज ये दूसरा मौका है जब दोनों की अनौपचारिक मुलाकात हुई। इस इस खास मुलाकात के लिए तमिलनाडु के महाबलीपुरम शहर को चुना गया। बंगाल की खाड़ी के किनारे बसा ये शहर अपनी खूबसूरती से सबको आकर्षित करता है। यहां की सांस्कृतिक धरोहर, यहां की परंपराएं और यहां का इतिहास ऐसा है जिसने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी आकर्षित कर लिया। बता दें कि 2018 में मुलाकात के लिए चीन का शहर वुहान तय किया गया था, 2019 में भारत का महाबलीपुरम तय किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी खुद शी जिनपिंग को महाबलीपुरम में तीन खूबसूरत जगहों का दीदार कराएंगे। 

पीएम मोदी ने किया चीनी भाषा में किया ट्वीट

शी जिनपिंग के पहुंचने से पहले नरेंद्र मोदी ने तीन भाषाओं में ट्वीट किया। पीएम ने चीनी, तमिल और अंग्रेजी में ट्वीट कर यहां पहुंचने की खुशी जाहिर की।

व्यापक तैयारियां

मामल्लापुरम में  चीनी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए व्यापक तैयारियां की गई। वहीं, चीन के उप विदेश मंत्री लुओ झाओहुई ने कहा कि दोनों पक्षों ने शिखर वार्ता के लिए शानदार तैयारी की है। राष्ट्रपति शी की यात्रा द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की दिशा तय करेगी। उनकी मुलाकात में इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि सहयोगात्मक साझेदारी बनाने के लिए मौजूदा मतभेदों से आगे कैसे बढ़ा जाए। यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही जब कश्मीर को लेकर दोनों देशों के बीच असहज स्थिति पैदा हो गई थी।

दोनों देश एक दूसरे के लिए खतरा नहीं

दौरे से एक दिन पहले चीन के राजदूत सुन वीदोंग ने कहा कि दोनों देश एक दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं बल्कि एक दूसरे के लिए विकास के अवसर मुहैया कराते हैं। चीन और भारत के बीच सहयोग न केवल एक दूसरे के विकास में योगदान देगा बल्कि आर्थिक वैश्वीकरण की प्रक्रिया को भी बढ़ाएगा।

कश्मीर पर चीन ने दिखाया दोहरा रूप

चीनी राष्ट्रपति के भारत आने से पहले चीन के द्वारा जम्मू-कश्मीर पर दिया गया बयान चर्चा का विषय बन गया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दौरे के बीच चीन ने बयान दिया कि भारत-पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर के मसले को यूएन चार्टर के हिसाब से सुलझाना चाहिए। हालांकि, भारत ने इस पर करारा जवाब दिया और कहा कि ये हमारा आंतरिक मामला है कोई और देश बयान देने से बचे।

अंतरराष्ट्रीय हालात पर होगी चर्चा

उन्होंने कहा कि इस जटिल दुनिया में सकारात्मक ऊर्जा भरने की हमारी बड़ी जिम्मेदारी है। चीनी राजदूत ने कहा कि दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय हालात पर गहराई से विमर्श करेंगे। वार्ता से आम-सहमतियों का नया ढांचा उभर सकता है जिसमें अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के बदलाव के लिए साझा दृष्टिकोण बनेगा। शिखर वार्ता संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाएगी और वैश्विक शांति पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

करार के आसार नहीं 

चीनी उप विदेश मंत्री लुओ ने कहा कि यह अनौपचारिक बातचीत है, इसलिए दोनों नेताओं को बिना किसी निर्धारित विषय के विचारों के मुक्त आदान-प्रदान के लिए सहज माहौल मिलेगा। कोई करार होने की भी संभावना नहीं है। मोदी और जिनपिंग के बीच कई मुलाकातें हो सकती हैं। अधिकतर में उनके साथ केवल उनके दुभाषिये होंगे।

वार्ता अहम क्यों

- अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के चलते चीन ने सामानों के निर्यात के लिए भारत का रुख किया है।

- चीन ने भारत के लिए बाजार खोला है। नियमों को भी उदार बनाया है।

- भारत चीन के साथ व्यापार घाटा कम करके मौके को भुनाना चाहता है

- चीन 76 अरब डॉलर का निर्यात करता है। व्यापार घाटा 63 अरब डॉलर है

मोदी को उपहार देंगे जिनपिंग

चीनी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति जिनपिंग की योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ऐसा उपहार देने की है जो उन दोनों और दोनों देशों के बीच की मित्रता को दिखाएगा। जिनपिंग नेपाल के दौरे पर भी जाएंगे।

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