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मोदी सरकार के सात साल पूरे, पीएम ने कहा- 7 वर्षों में अनेक विवाद शांति से सुलझाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यरक्रम के जरिए देश की जनता को संबोधित किया। इस...
मोदी सरकार के सात साल पूरे, पीएम ने कहा-  7 वर्षों में अनेक विवाद शांति से सुलझाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यरक्रम के जरिए देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा "आज 30 मई को हम मन की बात कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चला है। देश की सेवा में हम सभी ने हर क्षण समर्पित भाव से काम किया। इन 7 वर्षों में ही देश के अनेकों पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं। पूर्वोतर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है। इन 7 सालों में हमने सरकार और जनता से ज़्यादा एक देश के रूप में काम किया, टीम इंडिया के रूप में काम किया।"

मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश पूरी ताकत के साथ कोविड-19 से लड़ रहा है, पिछले 100 वर्षों में ये सबसे बड़ी महामारी है। इसी महामारी के बीच भारत ने अनेक प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया है। इस दौरान चक्रवात अम्फान, निसर्ग, अनेक राज्यों में बाढ़ आई, अनेक भूकंप आए, भूस्खलन हुए। अभी-अभी पिछले 10 दिनों में ही देश ने, फिर दो बड़े चक्रवात का सामना किया।

उन्होंने कहा कि इन दोनों चक्रवातों ने कई राज्यों को प्रभावित किया है। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताक़त से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की। हम अब ये अनुभव करते हैं कि पहले के वर्षों की तुलना में, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान बचा पा रहे हैं। विपदा के इस कठिन और असाधारण परिस्थिति में चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है, इस संकट की घड़ी में बड़े धैर्य के साथ, अनुशासन के साथ मुक़ाबला किया है- मैं आदरपूर्वक, हृदयपूर्वक सभी नागरिकों की सराहना करना चाहता हूँ। जिन लोगों ने आगे बढ़कर राहत और बचाव के कार्य में हिस्सा लिया, ऐसे सभी लोगों की जितनी सराहना करें, उतनी कम है। मैं उन सब को सैल्यूट करता हूँ।

मन की बात कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल के दिनों में हमने देखा है कि कैसे हमारे डॉक्टर, नर्स और फ्रंट लाइन वॉरियर्स- उन्होंने ख़ुद की चिंता छोड़कर दिन रात काम किया और आज भी कर रहे हैं। इस सबके बीच कई लोग ऐसे भी हैं, जिनकी कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में बहुत बड़ी भूमिका रही है | 

उन्होंने कहा कि जब दूसरी लहर आई, अचानक से ऑक्सीजन की माँग कई गुना बढ़ गई तो बहुत बड़ा चैलेंज था। मेडिकल ऑक्सीजन का देश के दूर-सुदूर हिस्सों तक पहुँचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी। चुनौती के इस समय में ऑक्सीजन के परिवहन को आसान करने के लिए भारतीय रेल आगे आई। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने सड़क पर चलने वाले ऑक्सीजन टैंकर से कहीं ज़्यादा तेज़ी से, कहीं ज़्यादा मात्रा में ऑक्सीजन देश के कोने-कोने में पहुंचाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की शुरुआत में देश में केवल एक ही टेस्टिंग लैब थी, लेकिन आज 2,500 से ज़्यादा लैब काम कर रही हैं। शुरू में कुछ सौ टेस्ट एक दिन में हो पाते थे, अब 20 लाख से ज़्यादा टेस्ट एक दिन में होने लगे हैं। अब तक देश में 33 करोड़ से ज़्यादा सैंपल की जांच की जा चुकी है।

उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर व्यवस्था पर पड़ा। कृषि व्यवस्था ने खुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा। सुरक्षित ही नहीं रखा, बल्कि प्रगति भी की। इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया है और देश ने रिकॉर्ड फसल की खरीद भी की।

पीएम ने कहा कि क्या आपको पता है कि इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया है ? किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया, तो इस बार देश ने रिकॉर्ड फसल खरीदी भी की है । इस बार कई जगहों पर तो सरसों के लिए किसानों को एमएसपी से भी ज्यादा भाव मिला है। आज इस संकट काल में 80 करोड़ ग़रीबों को मुफ़्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि ग़रीब के घर में भी कभी ऐसा दिन न आए जब चूल्हा न जले।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साजिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है। जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती है तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं।

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