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स्वामी को प्रधानमंत्री की हिदायत, खुद को व्यवस्था से बड़ा न मानें

सुब्रमण्यम स्वामी लागातार सरकार के लोगों पर हमले कर रहे हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के बाद उन्होंने नए नाम अरविंद सुब्रमण्यम पर भी हमला बोला। जेटली को वह लगातार बोलने के लिए उकसा रहे हैं। यहां तक कि जेटली के जबाव देने पर उन्होंने खून-खराबे तक की बात कह डाली। सभी को इंतजार था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर क्या कदम उठाते हैं।
स्वामी को प्रधानमंत्री की हिदायत, खुद को व्यवस्था से बड़ा न मानें

टाइम्स नाऊ के अर्णब गोस्वामी को दिए गए साक्षात्कार में नरेंद्र मोदी ने बहुत सी बातों के साथ सुब्रमण्यम स्वामी के मुद्दे पर भी खुलकर बात की। प्रधानमंत्री ने स्वामी का नाम लिए बिना कहा, इस तरह का व्यवहार अनुचित है। प्रचार के शौक से देश का भला नहीं होता। व्यवस्था से बड़ा कोई भी खुद को माने यह ठीक नहीं है। ऐसा किसी भी पार्टी में नहीं होना चाहिए।

नरेंद्र मोदी ने और भी कई मुद्दों पर खुल कर चर्चा की। पाकिस्तान के मुद्दे पर उन्होंने कहा, मेरे प्रयास से जैसे लाहौर यात्रा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बातचीत की वजह से विश्व में भारत की भूमिका की सराहना हुई। दुनिया आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के पक्ष को स्वीकारती है। अब उन्हें मानना पड़ रहा है कि हम सही हैं। अब पाकिस्तान को अपना पक्ष रखना होगा। वह पाकिस्तान के साथ लक्ष्मण रेखा के फैसले के प्रश्न के जवाब में यह बातें कह रहे थे। उनसे यह भी पूछा गया कि लक्ष्मण रेखा किसके साथ तय करनी होगी। वहां की चुनी हुई सरकार या वहां की गतिविधियों को प्रभावित करने वाले लोग। 

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