कांग्रेस की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अपना आदेश वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले पर बढ़ते विवाद के बाद ये फैसला वापस लिया है। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों से वो डोजें वापस करने को कहा है जिसका इस्तेमाल नहीं हुआ है।
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दरअसल, सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में लगाए जाने वाले टीकों को निजी अस्पतालों में महंगे कीमतों पर लगाया जा रहा था। 80 हजार डोज प्राइवेट अस्पतालों को दिया गया था। विपक्ष ने भी इस मामले पर अमरिंदर सरकार को घेरा था।
वहीं, विवाद बढ़ता देख पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के कोविड टीकों के निजी अस्पतालों को ‘देने’ संबंधी विपक्ष के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं।
कोविड-वैक्सीन को लेकर राज्य प्रभारी आईएएस विकास गर्ग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि निजी अस्पताल बची हुए वैक्सीन को तत्काल वापस करें। वैक्सीन फंड में जमा पैसा सरकार की ओर से अस्पतालों को जल्द जारी किया जाएगा।
दरअसल, विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि पंजाब सरकार को कोवैक्सीन की 1.40 लाख से ज्यादा डोज 400 रुपये में उपलब्ध कराई गई और उन्होंने इसे 20 निजी अस्पतालों को 1000 रुपये में बेच दी।
वहीं, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी आरोप लगाया है कि पंजाब सरकार ऊंचे दामों पर निजी अस्पताल को वैक्सीन बेच रही है। उनका कहना है किपंजाब सरकार वैक्सीन 400 में खरीदकर निजी अस्पताल को 1,060 में बेच रही है।