Advertisement

'मैंने भारत माता की सेवा में एक बेटे की कुर्बानी दी है, अपने दूसरे बेटे को भी युद्ध में भेजूंगा'

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 37 जवानों ने अपनी जानें गवां दी। पूरे...
'मैंने भारत माता की सेवा में एक बेटे की कुर्बानी दी है, अपने दूसरे बेटे को भी युद्ध में भेजूंगा'

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 37 जवानों ने अपनी जानें गवां दी। पूरे देश-दुनिया में हमले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। शहीदों के परिवारों में और उनके गांवों में मातम के बादल छाए हुए हैं। वहीं पूरे देश में आतंक के खिलाफ लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। इस बीच एक शहीद जवान के पिता का हौसला और उनकी प्रतिक्रिया देश के लिए बेहद प्रेरणादायी है।

बिहार के भागलपुर में रहने वाले शहीद जवान रतन ठाकुर के पिता ने कहा, “मैंने भारत माता की सेवा में एक बेटे की कुर्बानी दी है, मैं अपने दूसरे बेटे को भी युद्ध के लिए भेजूंगा, लेकिन पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाना चाहिए।”

इस हमले में शहादत देने वालों में देश के विभिन्न राज्यों के जवान शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, 37 शहीद जवानों में से 12 उत्तर प्रदेश के हैं। देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों में दो बिहार और तीन राजस्थान के भी शामिल हैं। इसके अलावा पंजाब अन्य राज्यों के भी जवान शामिल हैं।

यूपी के 12 जवान शहीद

इस आंतकी हमले में उत्तर प्रदेश के 12 जवान शहीद हुए हैं। चंदौली के शहीद अवधेश कुमार, इलाहाबाद के शहीद महेश कुमार, शामली के शहीद प्रदीप, वाराणसी के शहीद रमेश यादव, आगरा के शहीद कौशल कुमार यादव, उन्नाव के शहीद अजीत कुमार, कानपुर देहात के शहीद श्याम बाबू और कन्नौज के शहीद प्रदीप सिंह ने अपनी जान देश के लिए कुर्बान कर दी।

बिहार के दो जवान शहीद

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए 2 जवान बिहार के हैं। पटना के तारेगना निवासी हेड कांस्टेबल संजय कुमार सिन्हा और भागलपुर के कहलगांव निवासी रतन कुमार ठाकुर इनमें शामिल हैं। भागलपुर के शहीद रतन ठाकुर का परिवार मूल रूप से कहलगांव के आमंडंडा थाना के रतनपुर गांव का रहने वाला है।

राजस्थान के तीन जवान शहीद

इन जवानों में राजस्थान के 3 सपूत भी शामिल हैं। इनमें कोटा के हेमराज मीणा, शाहपुरा के रोहिताश लांबा और धौलपुर के भागीरथ सिंह शहीद हुए हैं। रोहिताश लांबा अमरसर थाना इलाके के गोविंदपुरा के निवासी थे और वे 2 साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad