अमरिंदर के इस्तीफे के अलावा कांग्रेस के सभी विधायकों ने भी इस्तीफा देने की पेशकश की है। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अमरिंदर के इस्तीफे को राजनैतिक ड्रामेबाजी बताया है। बादल ने कहा है कि अमरिंदर का यह पैंतरा सभी जानते हैं। इससे कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होनेे वाला है।
न्यायमूर्ति ए के दवे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने इस मुददे पर राष्ट्रपति द्वारा भेजे गये सवालों पर अपनी राय देते हुये कहा, सभी सवालों के जवाब नकारात्मक में हैं।
संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति पी सी घोष, न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह, न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति अमिताव राय शामिल हैं। संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से कहा कि राष्ट्रपति द्वारा भेजे गये सभी पांच सवालों के जवाब नकारात्मक में हैं।
कोर्ट के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि पंजाब समझौता निरस्तीकरण कानून 2004 असंवैधानिक है। पंजाब सतलुज यमुना संपर्क नहर के जल बंटवारे के बारे में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, दिल्ली और चंडीगढ के साथ हुये समझौते को एकतरफा रद्द करने का फैसला नहीं कर सकता है।
संविधान पीठ ने जो फैसला दिया है उसका मतलब यह है कि 2004 का कानून शीर्ष अदालत के 2003 के निर्णय के अनुरूप नहीं था। शीर्ष अदालत ने अपने फैसलेे में सतलुज यमुना संपर्क नहर का निर्माण पूरा करने की व्यवस्था दी थी।