26 जनवरी को जहां पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा होगा वहीं लाल किले की प्राचीर से कुछ मील के फासले पर तीन कृषि कानून के विरोध में आंदाेलकारी किसान गणतंत्र परेड निकालने की तैयारी में हैं। परेड के मौके पर किसानों ने एक और रोचक तरीके से विराध जताने के लिए पंजाब व दिल्ली की शादी का स्वांग रचने की तैयारी की है। इस शादी के लिए बकायदा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए शादी के कार्ड के जरिए आम जनता को भी न्यौता दिया गया है।
सरकार के साथ आठ दौर की बैठकों में किसान नेताओं की बेनतीजा रही बातचीत के मद्देनजर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आंदोलनकारी आम किसान नित नई कोशिशें कर रहे हैं। आंदाेलन व्यवस्थित और अनुशासित रहे और सरकार तक प्रभावी ढंग से संदेश भी पहुंचे इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर ढेड महीने से भी ज्यादा समय से टिके किसानों ने गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व से लेकर गुरु तेग बहादुर जी की शहादत और गुरु गोबिंद िसंह जी की माता गुजरी और चार साहिबजादों की शहादत को याद करते हुए भूख हड़ताल,ट्रैक्टर रैली और मौन वर्त के बाद 13 जनवरी को लोहड़ी पर्व पर तीन कृषि कानून की प्रतियां लोहड़ी में दहन करने का फैसला किया है।
11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद 15 जनवरी को सरकार के साथ नौवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रहने की सूरत में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन किसानों ने बड़े पैमाने पर दिल्ली में किसान गणतंत्र परेड के रुप में हजारों ट्रैक्टर मार्च करने का एलान किया है। ऐसे आंदोलन की गंभीरता के बीच एक रोचक संदेश के लिए पंजाब और दिल्ली की शादी का भी स्वांग रचा जाएगा जिसमें न्यौते के लिए कार्ड अभी से सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं। शादी के इस कार्ड में किसानों ने
दूल्हे का नाम ‘पंजाब सिंह’ एवं दुल्हन का नाम ‘दिल्ली मरजानी’ रखा है। कार्ड पर न्यौता देते हुए लिखा गया कि जिस किसी भी किसान भाई ने बारात में शामिल होना हो वो अपने ट्रैक्टर या ट्राली समेत आए। हर किसी को खुला न्यौता है। इतना ही नहीं खाने के इंतजाम के बारे में भी लिखा गया है कि भोजन का खुला इंतजाम है, जितना मर्जी खाएं। बरात चलने का समय 26 जनवरी दिन मंगलवार को सुबह 10 बजे है।
26 जनवरी को बड़े पैमाने पर ट्रैक्टर मार्च के लिए ज्यादा से ज्यादा किसानों की भागीदारीे के लिए शादी के इस कार्ड के जरिए न्यौता दिया जा रहा है। इससे पहले रिहर्सल के तौर पर 7 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला था। हरियाणा-दिल्ली की सीमाओं में सिंघू,टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से लेकर केएमपी की सड़कों पर ट्रैक्टरांे के बड़े काफिले सुर्खियों में थे।