कांग्रेस के प्रवक्ता आरएस सुरजेवाला ने कहा है कि राहुल गांधी ने ना सिर्फ चीनी राजदूत से मुलाकात की, बल्कि वे भूटान के राजदूत और पूर्व एनएसए शिवशंकर मेनन से भी मिले।
Envoys met Rahul Gandhi ji, not only Chinese envoy but also Bhutanese envoy and ex NSA Shiv Shankar Menon: RS Surjewala
— ANI (@ANI_news) 10 July 2017
उन्होंने कहा कि विभिन्न राजदूतों का कांग्रेस के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से शिष्टाचार के तहत मुलाकात होती रहती है। किसी को भी इसे सनसनीखेज बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
इससे पहले उन्होंने कहा था, "न्यूज चैनल चीन का दौरा कर रहे तीन केंद्रीय मंत्रियों और जी20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के रवैये पर सवाल खड़े नहीं करेंगे।" उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी के संबंध में ये खबरें विदेश मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने गढ़ी हैं।
Before MEA & IB sources plant news with 'Bhakts', they should reverify that we still have diplomatic relations with all our neighbours.2/n
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) 10 July 2017
यह मुद्दा नहीं है: राम्या
वहीं कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख राम्या ने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि राहुल गांधी ने चीनी राजदूत से मुलाकात की या नहीं? उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह जर्मनी के हैम्बर्ग में जी-20 सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सीमा विवाद का मुद्दा क्यों नहीं उठाया?
क्या था मामला?
टीवी चैनल नेटवर्क 18 के मुताबिक चीनी दूतावास से जुड़े सूत्रों ने सोमवार सुबह कहा कि भारत में चीन के राजदूत लो जेवाई ने कांग्रस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से 8 जुलाई को मुलाकात की थी। साथ ही चैनल का दावा है कि इस मुलाकात में दोनों के बीच भारत और चीन के संबंधों की वर्तमान स्थित पर चर्चा हुई। हालांकि इस तरह की किसी भी मुलाकात से कांग्रेस ने पहले इंकार किया था।
राहुल ने उठाए थे सवाल
बता दें कि पिछले सप्ताह राहुल गांधी ने ट्विटर के द्वारा चीन मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया था।
Why is our Prime Minister silent on China?
— Office of RG (@OfficeOfRG) 7 July 2017
गौरतलब है कि पिछले महीने भारत ने भूटान के डोका ला इलाके में चीन का सड़क निर्माण अवरूद्ध कर दिया था, जिसके बाद से ही चीन सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। चीन ने नाथू ला में भारतीय सेना के कई बंकर तबाह किए, जिसके बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा भी प्रभावित हो गई है। वहीं चीन ने भारत को अपनी सेना वापस बुलाने को कहा है और युद्ध की धमकी भी दी है।