रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के खिलाफ अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) सहित कई छात्र संगठनों द्वारा आज बिहार बंद का आह्वान किया गया है। इस बंद का महागठबंधन में शामिल सभी विपक्षी दलों ने समर्थन किया है।
बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस, भाकपा एवं माकपा ने गुरुवार को संयुक्त रूप से एक ब्यान जारी करके कहा, ‘‘बिहार में देश में सबसे अधिक युवा हैं और यहां बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है। केंद्र और बिहार सरकार द्वारा छात्रों को ठगा जा रहा है। सरकारें उनके लिए नौकरियों का वादा करती रहती है मगर जब वे नौकरी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरते हैं तो नीतीश कुमार सरकार उन पर लाठियां बरसाती है।’’
महागठबंधन के नेताओं ने राजद के प्रदेश मुख्यालय में आज संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र की एनडीए सरकार को उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों की अधिक चिंता है, न कि प्रदर्शनकारी छात्रों के भविष्य की।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सभी पार्टियों ने 28 जनवरी को छात्र संघ द्वारा आहूत बिहार बंद का समर्थन करने का निर्णय लिया है। हम यह भी मांग करते हैं कि राज्य पुलिस द्वारा छात्रों या कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध दर्ज सभी मामले फौरन वापस लिए जाने चाहिए।
इसी प्रकार की राय जाहिर करते हुए आइसा के महासचिव और विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा में अनियमितताओं की जांच के लिए रेल मंत्रालय द्वारा गठित समिति उत्तरप्रदेश में चुनाव तक मामले को स्थगित करने की एक ‘‘साजिश’’ है। उन्होंने दावा किया कि यह केंद्र सरकार का धोखा है। सौरभ ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बेरोजगार युवकों को नौकरी नहीं देना चाहती।
इस बीच पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कोचिंग संचालकों, प्रतिनिधियों के साथ सीधा संवाद स्थापित करने तथा विधि व्यवस्था बनाये रखने के समाहरणालय सभागार में आज एक बैठक की। विदित हो कि 24 जनवरी को राजेंद्रनगर ट्रैक को जाम करने तथा उत्पन्न विधि व्यवस्था से निपटने के दौरान 4 अभ्यार्थियों को हिरासत मे लिया गया था। उन चार अभ्यर्थियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उन्हें कोचिंग संचालकों, प्रतिनिधियों के द्वारा यहां पर आने के लिए मार्गदर्शन किया गया है तथा उनका नाम भी बताया गया। इसके अलावा पुलिस द्वारा सोशल मीडिया से वीडियो फुटेज भी प्राप्त किए गए हैं। उक्त के आलोक में 6 कोचिंग संचालकों, प्रतिनिधियों के विरुद्ध पत्रकार नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान हिरासत में लिए गए अभ्यर्थियों के द्वारा जिन व्यक्तियों का नाम लिया गया तथा प्राथमिकी दर्ज की गई उनमें खान सर, एसके झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर और गोपाल वर्मा सर शामिल हैं। जिला प्रशासन द्वारा आज जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार जिन व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है उन व्यक्तियों को नोटिस निर्गत किया जाएगा तथा उन्हें निर्धारित तिथि, जगह एवं समय पर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी प्रकार की पूर्वाग्रह आधारित अथवा बदले की भावना से कार्य नहीं किए जाएंगे बल्कि पूरी पारदर्शिता एवं साक्ष्य के आधार पर ही विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गैरकानूनी तथा गैर जिम्मेदाराना कार्य करने वाले तथा समूह को उग्र एवं हिंसात्मक स्वरूप देते हुए आंदोलन के लिए प्रेरित करने वाले असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध विधि सम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज आश्वासन दिया कि ग्रुप-डी की दो की बजाय एक परीक्षा होगी और एनटीपीसी की परीक्षा के 3.5 लाख अतिरिक्त परिणाम ‘‘वन कैंडीडेट-वन रिजल्ट’’ के आधार पर घोषित किये जाएंगे। सुशील कुमार द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक रेलमंत्री ने उनको विश्वास दिलाया कि सरकार छात्रों से सहमत है और उनकी मांग के अनुरूप ही फैसला जल्द किया जाएगा।
बिहार में सत्ताधारी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘संविधान में हिंसा और तोडफोड़ का अधिकार किसी को नहीं। वैसे अब समय आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे, नहीं तो हालात इससे भी भयानक हो सकते हैं।’’