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राजन दूसरी पारी नहीं खेलेंगे, रिटायर होकर शैक्षिक गतिविधियों की ओर लौटेंगे

आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने केंद्रीय बैंक के प्रमुख के तौर पर दूसरे कार्यकाल के लिए मना कर दिया है। राजन ने आरबीआई के सहयोगियों से चिट्ठी लिखकर कहा कि वे चार सितंबर को कार्यकाल समाप्त होने के बाद शैक्षिक गतिविधियों से दोबारा जुड़ेंगे। राजन ने कहा कि वह देश की सेवा के लिए हमेशा उपलब्ध होंगे। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें भरोसा है कि उनके उत्तराधिकारी आरबीआई को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
राजन दूसरी पारी नहीं खेलेंगे, रिटायर होकर शैक्षिक गतिविधियों की ओर लौटेंगे

राजन ने कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण, बैंकों बही-खातों की सफाई का काम पूरा नहीं हुआ है, लेकिन उन्होंने सरकार के साथ विचार-विमर्श और परामर्श के बाद कार्यकाल पूरा होने पर जाने का फैसला किया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पिछले काफी समय से राजन के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। यहां तक कि स्वामी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर आरबीआई गवर्नर के खिलाफ सीबीआई के अंतर्गत बनाई गई एसआईटी से जांच की मांग भी कर चुके हैं।

स्वामी ने राजन पर आरोप लगाया कि आरबीआई ने स्माल फाइनेंस बैंक (एसएफबी) को लाइसेंस देने में धांधली की है। स्वामी का कहना था कि सरकारी नीति के तहत जिन संस्थाओं ने बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन किया और उनमें से जिन संस्थाओं को लाइसेंस दिए गए उनमें से किसी ने भी तय शर्तों को पूरा नहीं किया है। इसके बावजूद इन्हें लाइसेंस दे दिए गए। स्वामी का कहना था कि इससे यह पता लगता है कि लाइसेंस देने में नियमों की अनदेखी की गई है और इससे इरादों पर शक होता है।स्वामी ने कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम पर भी निशाना साधा। उन्होंने पीएम को लिखी चिट्ठी में कहा कि वित्त मंत्रालय में अब भी कई अधिकारी उनकी पसंद के हैं या करीबी हैं। इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की दुर्गंध आती है और इसके जरिए नेताओं और नौकरशाहों को लाभ मिलने की शंका है।



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