राजस्थान के जोधपुर में सोमवार की रात ईद-उल-फितर और अक्षय तृतीया त्योहार से ठीक पहले दो समुदायों के बीच हिंसक झड़पें देखी गई। झड़प की सूचना सबसे पहले जालोरी गेट चौराहे पर मिली। यहां पथराव भी हुआ, जिसमें मंगलवार तड़के कम से कम चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से शांति बरतने की अपील की है। वहीं जोधपुर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार जब एक समुदाय के लोगों ने बालमुकंद बिस्सा सर्कल में झंडा फहराया और दूसरा झंडा हटा दिया। इसका दूसरे समुदाय के लोगों ने विरोध किया। देखते ही देखते दोनों समुदायों के बीच बहस हिंसक हो गई। पथराव की भी सूचना मिली और पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। जोधपुर संभागीय आयुक्त हिमांशु गुप्ता की ओर से जारी आदेश में पूरे जोधपुर जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
पुलिस ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर में ईद से कुछ घंटे पहले स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
पुलिस ने कहा कि ईद के सिलसिले में धार्मिक झंडा लगाने को लेकर दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए।
पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक सूत्र ने कहा, "पथराव में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।"
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 समूहों के बीच झड़प में शामिल लोगों से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने ट्वीट किया, 'प्रशासन को हर कीमत पर शांति व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया गया है।'
उन्होंने कहा जालौरी गेट, जोधपुर पर दो गुटों में झड़प से तनाव पैदा होना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशासन को हर कीमत पर शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। जोधपुर, मारवाड़ की प्रेम एवं भाईचारे की परंपरा का सम्मान करते हुए मैं सभी पक्षों से मार्मिक अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें एवं कानून-व्यवस्था बनाने में सहयोग करें।