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जेएनयू मामलाः नजीब को ढूंढने के लिए विशेष टीम गठित

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से गायब एमएससी (बायोटेक्नो लॉजी) प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद को लेकर कैंपस का माहौल गर्म है। बार फिर यहां लाल और भगवा ब्रिगेड आमने-सामने हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर दिल्लीड पुलिस कमिश्नैर आलोक वर्मा से भी बात की है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को लापता छात्र का पता लगाने के लिए विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया।
जेएनयू मामलाः नजीब को ढूंढने के लिए विशेष टीम गठित

नजीब अहमद के बारे में पुलिस को जानकारी देने वालों के लिए दिल्ली पुलिस ने 50 हजार के इनाम की घोषणा की है। साउथ डिस्ट्रिक्ट की एडिशनल डीसीपी नूपुर प्रसाद ने इसकी पुष्टि की। इस मामले को लेकर आंदोलनकारी छात्रों ने अपना प्रदर्शन तेज करते हुए कुलपति और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों को बुधवार दोपहर से ही प्रशासनिक ब्लॉक में बंधक बनाए रखा था। वहीं जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने मीडिया बातचीत में कहा, 'अवैध रूप से हमें बंधक बनाया जाना अत्यंत दुखद है।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नजीब अहमद को ढूंढ़ने के लिए जितना हो सकता है, हम कदम उठा रहे हैं। हम उम्मीद है कि वह यूनिवर्सिटी वापस आ जाएंगे। जेएनयू में इस मामले को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन की वजह से पिछले तीन दिनों से कक्षाएं बाधित हैं।

आखिर मामला क्या है
उत्त र प्रदेश के बदायूं जिले का रहने वाला नजीब यहां के मावी-मांडवी हॉस्टहल के रूम नंबर 106 में रहता है। इस समय जेएनयू में हॉस्टलल यूनियन का चुनाव चल रहा है। इसी हॉस्ट ल में मेस सचिव पद के लिए खड़ा विक्रांत यादव 14 अक्टूाबर की रात नजीब के कमरे में प्रचार के लिए आया था।
इसी दौरान दोनों में कहासुनी हुई। एबीवीपी से जुड़े लोगों का कहना है कि इस दौरान नजीब अहमद ने विक्रांत को दो थप्पड़ मार दिए। इसके बाद विक्रांत ने छात्र संघ के कुछ पदाधिकारियों को बुला लिया। दोनों पक्षों में सुलह की कोशिश की गई। दरअसल, ये हॉस्टल यूनियन पर कब्जे की ही लड़ाई है जो अब इस स्तर तक पहुंच गई है। इस हॉस्ट ल के एक गार्ड ने भी बताया 14 तारीख की रात प्रचार को लेकर हंगामा हुआ था।

दूसरी ओर जेएनयू में राष्ट्रुविरोधी नारे लगाने के आरोपी रहे उमर खालिद ने मीडिया को बताया कि नजीब अहमद को विक्रांत यादव द्वारा बुलाकर लाई गई भीड़ ने पीटा। इसके बाद 15 तारीख की सुबह से उसका पता नहीं है। नजीब अहमद के रूममेट मोहम्मदद कासिम हैं। इस हॉस्टसल में करीब दो सौ कमरे हैं।परिजनों की शिकायत पर बसंत कुंज थाना पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया है। लेकिन छात्र संगठन का कहना है कि वीसी को खुद भी एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए। उमर का कहना है कि इससे पहले कभी भी जेएनयू कैंपस में ऐसा नहीं हुआ। सब सिर्फ विचारों की लड़ाई लड़ते हैं। जो भी आरोपी छात्र हैं उन्हेंा हॉस्टसल से बाहर करके मामले की जांच करनी चाहिए। उधर, इस मामले में एबीवीपी नेता का नाम आने से भगवा ब्रिगेड के लिए परेशानी बढ़ गई है। जेएनयू के पूर्व ज्वाआइंट सेक्रेटरी और एबीवीपी नेता सौरभ शर्मा का कहना है कि पुलिस नजीब को खोजने में लापरवाही न करे। वह चाहते हैं कि नजीब जहां भी है, वापस आए।

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