गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों द्वारा निकाले गए ट्रैक्टर परेड में हुए बवाल का ठिकड़ा भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली पुलिस प्रशासन पर फोड़ा है। टिकैत ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई। अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन ज़िम्मेदार रहा है। कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले। यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी। किसान आंदोलन जारी रहेगा।"
वहीं, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, किसान आंदोलन को पहले दिन से ही बदनाम करना शुरू किया गया। 70 करोड़ किसान जो मेहनत कर देश को अन्न देता है वह देशद्रोही है, इस तरह देशद्रोही बोलने की हिम्मत किसकी होती है, जो देशद्रोही होता है, वही किसानों को देशद्रोही बोलते हैं।
अब तक राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत कई नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है जबकि किसान संगठनों के बीच दरार की स्थिति नजर आ रही है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि कोई भी किसान नेता दोषी पाया जाता है तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस ने 25 केस दर्ज किए हैं। हमारे पास हिंसा से जुड़े वीडियो फुटेज हैं। हम चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। अब तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 50 लोग हिरासत में हैं।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर 394 पुलिसकर्मी घायल हुए। इनमें कुछ अभी भी अस्पताल में है जबकि कुछ आईसीयू में एडमिट हैं। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने पुलिस की बातें नहीं मानी। उन्होंने कहा कि तय समय से पहले ही किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। मुकरबा चौक पर सतनाम सिंह पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिया। इसके बाद किसान भड़क गए। शांतिपूर्ण रैली की शर्त थी लेकिन, किसानों ने तय रूट की अनदेखी की।