गायक जुबिन गर्ग के पार्थिव शरीर का मंगलवार सुबह गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दूसरी बार पोस्टमार्टम किया गया। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सुबह सरुसजाई स्थित अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का दौरा किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाने से पहले गायक को श्रद्धांजलि दी।
बता दें कि पहला पोस्टमार्टम सिंगापुर में किया गया था, जहां 19 सितंबर को गर्ग की डूबने से मौत हो गई थी। गर्ग का अंतिम संस्कार मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ गुवाहाटी के बाहरी इलाके में किया जाएगा।
दोबारा पोस्टमार्टम के लिए सीएम शर्मा ने बताई वजह
सीएम शर्मा ने एक दिन पहले बताया था कि दूसरे पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार सुबह साढ़े 9 बजे गर्ग के पार्थिव शरीर को श्मशान घाट के लिए ले जाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, "यह (दूसरा पोस्टमार्टम) जनता की मांग नहीं बल्कि कुछ अराजक तत्वों की मांग है। हमने उनकी (गर्ग की) पत्नी की सहमति से इसे करने का फैसला किया है।" उन्होंने कहा, "हम जुबीन को लेकर कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहते। इसलिए यह फैसला लिया गया।"
मुख्यमंत्री ने बताया, "वह निजी तौर पर इस पक्ष में नहीं हैं कि उनके (गर्ग के) पार्थिव शरीर को दोबारा से पोस्टमार्टम की प्रक्रिया से गुजरना पड़े। लेकिन जब कोई वर्ग, भले ही वह अल्पमत में ही क्यों न हो, इसकी मांग करता है तो ‘मेरी व्यक्तिगत इच्छा मायने नहीं रखती। यह लोकतंत्र है।"
शर्मा ने बताया, "सिंगापुर के डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम करने के बाद मुझे नहीं लगता कि एक और पोस्टमॉर्टम की जरूरत थी, क्योंकि उनके पास तकनीकी विशेषज्ञता ज्यादा है। लेकिन किसी भी वर्ग को जुबिन को लेकर किसी भी तरह की राजनीति करने की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।"
मुख्यमंत्री ने बताया था, "(पोस्टमार्टम में) सुबह लगभग दो घंटे लगेंगे इसलिए उनकी (गर्ग की) अंतिम यात्रा पहले निर्धारित समय सुबह 7.30 बजे के बजाय सुबह 9.30 बजे शुरू होगी।"
सीएम शर्मा ने बताया कि जुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार 23 सितंबर को गुवाहाटी के पास एक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। शर्मा ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि उनके परिवार की इच्छा थी कि जुबीन का अंतिम संस्कार गुवाहाटी या उसके आसपास किया जाए। इसे ध्यान में रखते हुए कैबिनेट बैठक में कमरकुची एनसी गांव में अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि ऊपरी असम के जोरहाट शहर के लोगों की ओर से भी मांग उठी थी कि जुबीन का अंतिम संस्कार वहीं किया जाए। इस क्षेत्र में जुबीन ने अपने जीवन के शुरुआती कुछ पल बिताए थे।