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केरल में ईद-उल-अजहा पर ढील: आईएमए से लेकर विहिप तक विरोध में, राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब

केरल में ईद-उल-अजहा के पर्व पर कोविड संबंधी पाबंदियों में छूट देने के राज्य सरकार के निर्णय का कई संगठन...
केरल में ईद-उल-अजहा पर ढील: आईएमए से लेकर विहिप तक विरोध में, राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब

केरल में ईद-उल-अजहा के पर्व पर कोविड संबंधी पाबंदियों में छूट देने के राज्य सरकार के निर्णय का कई संगठन और नेता भारी विरोध कर रहे हैं। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए)  से लेकर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) तक ने इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है। वहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। शीर्ष अदालत ने केरल सरकार से इस पर जवाब मांगा है। बता दें कि केरल में तीन दिन के लिए पांबदियों में ढील दी गई है।

आईएमए ने रविवार को केरल सरकार से बकरीद से पहले कोविड-19 प्रतिबंधों में ढील देने के फैसले को वापस लेने का अनुरोध करते हुए इसे चिकित्सा आपातकाल के समय 'गैरजरूरी और अनुचित' बताया। डॉक्टरों के शीर्ष संगठन ने कहा कि यदि केरल सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।

 

आईएमए ने यहां एक बयान में कहा कि एक ओर कई उत्तरी राज्यों ने महामारी को देखते हुए पारंपरिक व लोकप्रिय तीर्थयात्राओं पर पाबंदी लगा दी है, वहीं दूसरी ओर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल ने एक ऐसा फैसला किया, जो सामूहिक समारोहों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

 

बयान में कहा गया है, ''आईएमए को यह देखकर दुख होता है कि मामलों में वृद्धि के बीच, केरल सरकार ने बकरीद के धार्मिक समारोहों के बहाने राज्य में लॉकडाउन में ढील देने के लिए एक आदेश जारी किया है। यह चिकित्सा आपातकाल के इस समय गैर-जरूरी और अनुचित है।'' इस चिकित्सा निकाय ने कहा कि देश के व्यापक हित और मानवता की भलाई में, आईएमए दृढ़ता से मांग करता है कि आदेश को वापस लिया जाए और कोविड मानदंडों के उल्लंघन को कतई बर्दाश्त न किया जाए।


वहीं विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका के चलते हाल ही में वार्षिक कांवड़ यात्रा रद्द कर दी। यूपी सरकार ने भी कई पाबंदियों के साथ कांवड़ यात्रा को मंजूरी देने का निर्णय किया था मगर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने पर राज्य सरकार ने भी कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है। उन्होंने कहा कि केरल सरकार का निर्णय ‘‘जन स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती’’ पेश करेगा और महामारी के विरुद्ध देश की लड़ाई को कमजोर करेगा।

विहिप ने विश्वास जताया कि उच्चतम न्यायालय मामले पर संज्ञान लेगा। विहिप नेता ने कहा,‘‘ हम अचरज में हैं कि सार्वजनिक तौर पर इतने घटनाक्रम के बाद भी केरल के मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि ईद-उल-अजहा पर्व के दौरान तीन दिन कोई पाबंदी नहीं रहेगी और मॉल,सिनेमाघर, बाजार खुले रहेंगे।’’

बता दें कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कोविड संबंधी पाबंदियों में कुछ ढील देने का ऐलान किया था। विजयन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में छूट की घोषणा करते हुए कहा कि बकरीद को देखते हुए कपड़ा, जूते-चप्पल की दुकानों, आभूषण, फैंसी स्टोर, घरेलू उपकरण बेचने वाली दुकानों और इलेक्ट्रॉनिक दुकानों, हर तरह की मरम्मत की दुकानों तथा आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों को 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक ए, बी, और सी श्रेणी के क्षेत्रों में खोलने की इजाजत दी गई है।

 उन्होंने कहा कि डी श्रेणी के क्षेत्रों में इन दुकानों को केवल 19 जुलाई को खोलने की अनुमति होगी। जिन इलाकों में संक्रमण दर पांच फीसदी से कम है वे ए श्रेणी में हैं, पांच से दस फीसदी संक्रमण वाले क्षेत्र बी श्रेणी में, दस से 15 प्रतिशत वाले क्षेत्र सी श्रेणी में और 15 फीसदी से अधिक संक्रमण वाले क्षेत्र डी श्रेणी में हैं।

 

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