संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अधिकार और कर्तव्य एक दूसरे के साथ जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में जिस तरह कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा की। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। वे अपने आप से सवाल करें कि क्या उनका रास्ता सही था?
पीएम ने कहा, 'जो कुछ जलाया गया, बर्बाद किया गया, क्या वह उनके बच्चों के काम आने वाला नहीं था? उन आम लोगों और पुलिसकर्मियों का क्या हुआ जो घायल हो गए?' उन्होंने कहा कि वह सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को यह बताना चाहते हैं कि उन्हें अधिकारों के साथ कर्तव्यों को भी नहीं भूलना चाहिए। दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं।
पीएम मोदी बुधवार को लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यहां अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की आधारशिला भी रखी।
'370 पर सभी की धारणा चूर-चूर हो गई'
अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह एक "पुरानी बीमारी" थी और इसे शांति से हल किया गया। यह हमारी जिम्मेदारी थी कि इस तरह की कठिन चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए और यह आसानी से हो गया। सभी की धारणा चूर-चूर हो गई। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि का मसला भी शांति से सुलझ गया।
'नए दशक में प्रवेश कर रहा देश'
नागरिकता (संशोधन) कानून पर पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए लोगों को "अपनी बेटियों की गरिमा को बचाने" के लिए नागरिकता प्रदान करना एक और समस्या थी, जिसका समाधान 130 करोड़ भारतीयों को मिला। उन्होंने कहा कि इस आत्मविश्वास के साथ हिंदुस्तान एक नए दशक में प्रवेश कर रहा है। जो कुछ भी किया जाना बाकी है, सभी भारतीय इसका समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि बड़ी चुनौती यह हो सकती है, "हम चुनौती को चुनौती देने की प्रकृति के साथ यहां हैं।"