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विस्‍थापन दुखदायी है, हिंदुओं का पलायन शासन रोके : भागवत

कैरान से उठा हिंदुओं के पलायन का मसला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस विवाद को समय समय पर हवा मिलती जा रही है। राजनीतिक नेताओं के बाद अब आएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि आज के समय में विस्थापन की खबरें ‘‘दुखदायी और परेशान करने वाली’’ हैं। भागवन ने कहा कि हिंदुओं के पलायन को रोकने की जिम्मेदारी वहां के शासन की है।
विस्‍थापन दुखदायी है, हिंदुओं का पलायन शासन रोके : भागवत

जोधपुर मेंं सोमवार को भागवत लाल सागर इलाके में स्थित आदर्श विद्या मंदिर में हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत स्वयंसेवकों की एक भीड़ को संबोधित कर रहे थे। यह दिवस मराठा नरेश छत्रपति शिवाजी के राजतिलक के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 

 उन्‍होंने पलायन पर कहा कि शासन को चाहिए कि लोगों के मन से निराशा दूर करे और ये बताएं कि ये धरती हमारी है ये देश मेरा है। भागवत ने कैराना शब्‍द का उल्‍लेख तो जिक्र तो नहीं किया लेकिन इतना जरूर कहा कि इस तरह की खबरें सुनकर मन उद्वेलित हो जाता है। 

 उन्होंने कहा, ‘‘देश के कई हिस्सों से विस्थापन की खबरें दुखदायी और परेशान करने वाली हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस तरह के लोगों के दिल से निराशावाद दूर कर कर उनमें यह भावना भरे कि यह देश हमारा है, यह जमीं हमारी है।

उन्होंने कहा कि शिवाजी के समय भी ऐसी हीं स्थिति थी लेकिन उन्होंने हिन्दुओं को एकजुट किया और उनमें राष्ट्रीयता एवं बलिदान की भावना भरी। भागवत ने कहा कि आज शिवाजी का अनुकरण करने की जरूरत है और आरएसएस ऐसा ही कर रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

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